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जयपुर

राज्य सूचना आयोग ने दी व्यवस्था, आरटीआई में नहीं मांग सकते एनपीआर को दी सूचना

राज्य सूचना आयोग ने निजता का हवाला देकर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए ली गई परिवार की जानकारी दिलाने से मना कर दिया।

जयपुरOct 19, 2017 / 08:42 am

Kamlesh Sharma

rajasthan information commission

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जयपुर। निजता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सूचना का अधिकार कानून पर सीधे असर का पहला मामला सामने आया है। राज्य सूचना आयोग ने निजता का हवाला देकर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए ली गई परिवार की जानकारी दिलाने से मना कर दिया।
राज्य सूचना आयोग ने एनपीआर के तहत एकत्र परिवार की जानकारी को निजता के दायरे में माना है। आयोग ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता को लेकर दिए फैसले का हवाला दिया है।
अलवर के दिनेश कटारिया की अपील पर यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कटारिया ने एनपीआर के तहत दर्ज दो व्यक्तियों के परिवारों के सर्वेक्षण प्रपत्र की कॉपी आरटीआई के जरिए मांगी। इस पर अलवर के आर्थिक एवं सांख्यिकी सहायक निदेशक ने जानकारी आरटीआई के तहत देने से इनकार कर दिया। परिवार सर्वेक्षण प्रपत्र में दर्ज जानकारी को निजी बताया।
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…इसलिए नहीं दे सकते सूचना
‘जनगणना के दौरान जुटाई गई सूचना व्यक्तिगत जानकारी है और वह सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1)(जे) के दायरे में आती है। इस मामले में कानून की धारा 8(1)(ई) भी प्रभावी होगी, क्योंकि नागरिक जनगणना के दौरान वैश्वासिक नातेदारी के तहत जानकारी देता है।
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सूचना व्यापक जनहित में नहीं होने से आरटीआई में नहीं मांगी जा सकती। सार्वजनिक होने से निजता पर सीधा असर होगा। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार निजता मौलिक अधिकार के दायरे में है।’
– (जैसा कि सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने फैसले में कहा)
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