सवाई माधोपुर जिले की खंडार तहसील से तीन का चयन
RAS में सवाई माधोपुर जिले की खंडार तहसील से तीन का चयन हुआ है। इसमें डूंगरी निवासी रवि शर्मा को 50वीं रैंक, खंडार के सुनील गर्ग को 333वीं व खंडार के ही निहाल वशिष्ठ ने 284वीं रैंक प्राप्त की है। शिवचरण शर्मा ने 22वीं व मोनिका शर्मा ने 318वीं रैंक प्राप्त की है।
RAS में सवाई माधोपुर जिले की खंडार तहसील से तीन का चयन हुआ है। इसमें डूंगरी निवासी रवि शर्मा को 50वीं रैंक, खंडार के सुनील गर्ग को 333वीं व खंडार के ही निहाल वशिष्ठ ने 284वीं रैंक प्राप्त की है। शिवचरण शर्मा ने 22वीं व मोनिका शर्मा ने 318वीं रैंक प्राप्त की है।
सचिन यादव, चौमूं- रैंक : 2
माता- कमला यादव, पिता- उमराव सिंह यादव सफलता का राज
सचिन बीटेक करने के बाद आरएएस परीक्षा की तैयारी में ही जुट गए और पहले ही प्रयास में उन्हें यह सफलता हासिल हुई है। सचिन का कहना है कि 10 से 12 घंटे की पढ़ाई से सफलता पाई। धैर्य के साथ परिश्रम करने का ही यह परिणाम है। सचिन आगे महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं।
माता- कमला यादव, पिता- उमराव सिंह यादव सफलता का राज
सचिन बीटेक करने के बाद आरएएस परीक्षा की तैयारी में ही जुट गए और पहले ही प्रयास में उन्हें यह सफलता हासिल हुई है। सचिन का कहना है कि 10 से 12 घंटे की पढ़ाई से सफलता पाई। धैर्य के साथ परिश्रम करने का ही यह परिणाम है। सचिन आगे महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं।
दामोदर सिंह, मालवीय नगर- रैंक: 3 माता- गज्जो देवी, पिता- लखन सिंह सफलता का राज
दामोदर का 2013 में जेसीटीओ पद पर चयन हो गया था। तीन माह पहले जॉब भी छोड़ दी थी। मूलत: करौली जिले के निवासी दामोदर का कहना है कि उनके माता-पिता की प्रेरणा से ही यह संभव हुआ है। उन्होंने ईमानदारी से प्रयास किया, देर भले ही लगी लेकिन सफलता मिली।
दामोदर का 2013 में जेसीटीओ पद पर चयन हो गया था। तीन माह पहले जॉब भी छोड़ दी थी। मूलत: करौली जिले के निवासी दामोदर का कहना है कि उनके माता-पिता की प्रेरणा से ही यह संभव हुआ है। उन्होंने ईमानदारी से प्रयास किया, देर भले ही लगी लेकिन सफलता मिली।
रूबी अंसार, सवाईमाधोपुर- रैंक : 4वीं पिता- अंसार अहमद सफलता का राज
रूबी के पिता अंसार अहमद खण्डार कॉलेज में प्राचार्य है। माता गृहिणी हैं। रूबी पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. अबरार अहमद की भतीजी हैं। उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने नियमित 6-8 घंटे अध्ययन किया है। सफलता का श्रेय माता-पिता, शिक्षक और मित्रों को दिया है।
रूबी के पिता अंसार अहमद खण्डार कॉलेज में प्राचार्य है। माता गृहिणी हैं। रूबी पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. अबरार अहमद की भतीजी हैं। उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने नियमित 6-8 घंटे अध्ययन किया है। सफलता का श्रेय माता-पिता, शिक्षक और मित्रों को दिया है।
उपेंद्र शर्मा, हीरापुरा, जयपुर- रैंक: 5वीं माता- सीता देवी, पिता-धुनी लाल सफलता का राज
कृषक परिवार में जन्में उपेन्द्र सैनिक स्कूल मेें पढ़ते हुए सेना में जाने का सपना देखते थे। दिवाली उनके परिवार के लिए दुगुनी खुशियां लेकर आई है। उपेन्द्र अगला लक्ष्य आईएएस-2018 को मानते हैं और सफलता श्रेय माता-पिता, गुरू और मित्रों को देते हैं। फिलहाल वह जयपुर मेट्रो में ट्रैफिक कन्ट्रोलर हैं।
कृषक परिवार में जन्में उपेन्द्र सैनिक स्कूल मेें पढ़ते हुए सेना में जाने का सपना देखते थे। दिवाली उनके परिवार के लिए दुगुनी खुशियां लेकर आई है। उपेन्द्र अगला लक्ष्य आईएएस-2018 को मानते हैं और सफलता श्रेय माता-पिता, गुरू और मित्रों को देते हैं। फिलहाल वह जयपुर मेट्रो में ट्रैफिक कन्ट्रोलर हैं।
संजय गोरा, वैशाली नगर- रैंक: 6वीं सफलता का राज संजय वर्तमान में को-ऑपरेटिव विभाग में असिस्टेंट रजिस्ट्रार हैं। यह उनका तीसरा प्रयास था। संजय का कहना है कि किताबों को उन्होंने दोस्त माना और सोशल मीडिया से दूरी रखी। उन्हें अपने चयन की पूरी उम्मीद थी। परिजनों व गुरु के मार्गदर्शन से ही सफलता मिल पाई। संजय धानक्या निवासी हैं।
रश्मि शर्मा, तिलपट्टी, बस्सी- रैंक: 281वीं
माता- प्रेमलता शर्मा
पिता- कैलाश शर्मा सफलता का राज
रश्मि शर्मा सबसे पहले 2013 में पटवारी बनी और फिर 2015 में शिक्षक बनी, लेकिन उनका लक्ष्य आरएएस अधिकारी बनने का था। इसके लिए उन्होंने नौकरी करते हुए मेहनत की और अब सपना साकार हो गया। उन्होंने रोज 6-7 घंटे पढ़ाई कर सफलता पाई। रैंक सुधारने के लिए प्रयास करुंगी।
माता- प्रेमलता शर्मा
पिता- कैलाश शर्मा सफलता का राज
रश्मि शर्मा सबसे पहले 2013 में पटवारी बनी और फिर 2015 में शिक्षक बनी, लेकिन उनका लक्ष्य आरएएस अधिकारी बनने का था। इसके लिए उन्होंने नौकरी करते हुए मेहनत की और अब सपना साकार हो गया। उन्होंने रोज 6-7 घंटे पढ़ाई कर सफलता पाई। रैंक सुधारने के लिए प्रयास करुंगी।