scriptRajasthan News : चार पीढ़ी एक साथ, एक चूल्हे पर बनता है 41 लोगों का खाना | Patrika News
जयपुर

Rajasthan News : चार पीढ़ी एक साथ, एक चूल्हे पर बनता है 41 लोगों का खाना

आज भागदौड़ भरी जिंदगी में संयुक्त परिवार अपना अस्तित्व खाता जा रहा है। हर कोई एकल रहना चाहता है।

जयपुरMay 16, 2024 / 03:03 pm

Supriya Rani

भगवान सहाय यादव. आज भागदौड़ भरी जिंदगी में संयुक्त परिवार अपना अस्तित्व खाता जा रहा है। हर कोई एकल रहना चाहता है। आपसी खींचतान, ना समझी संयुक्त परिवारों को बिखेर देती है। बावजूद इसके कई परिवार ऐसे भी है जो आज के जमाने में संयुक्त परिवार की एक मिशाल कायम कर रहे है। वे संयुक्त परिवार के बिना खुद को अधूरा समझते है।

ऐसा ही एक संयुक्त परिवार है, जयपुर जिले के किशनगढ़ रेनवाल तहसील का सुखालपुरा गांव का यादव परिवार। इस परिवार के मुखिया 104 साल के किशनाराम सीगड़ (किशना बाबा) है। इनकी चार पीढियों के 41 लोग आज भी संयुक्त परिवार में रहते है। एक ही छत के निचे पूरे परिवार का खाना एक ही चुल्हे पर बनता है। बाबा के पांच बेटे व दो बेटियां है। इन पांच बेटों के 10 पुत्र व पुत्रियां है। इन 10 पुत्रों में आठ पुत्रों की शादी हो चुकी है। जिनके 11 पुत्र व पुत्रियां है।

बाबा के बुजुर्ग होने पर वर्तमान में परिवार की सारी जिम्मेदारी व संचालन का जिम्मा बेटे गोपाल लाल यादव ने संभाल रखी है। इन्होंने परिवार में संस्कार व आदर्श स्थापित किए तथा शिक्षा व व्यापार पर जोर देकर परिवार को गरीबी से निजात दिलाई।

गरीबी व संघर्षों के बीच पाला परिवार

किशना बाबा ने अपने परिवार को गरीबी व संघर्षों के बीच पाला पोषा है। बाबा ने बताया कि मेरा परिवार ही मेरी ताकत है। बाबा ने परिवार को चलाने के लिए शुरूआत में काफी संघर्ष करते हुए पंजाब में मजदूरी की। सात साल वहां मजदूरी करने के बाद वापस अपने गांव आ गए है। यहां आकर खान से पत्थर निकालने का काम करने लगे। बाबा की पत्नी स्वर्गीय श्रीमती सुगनी देवी का भी इस परिवार को अनुशासन के साथ आगे बढ़ाने में काफी योगदान रहा। बाबा की पत्नी एवं बड़े बेटे अर्जुन राम ने खेती बाड़ी कर परिवार की आर्थिक स्थिति को संभाले रखा। इस दौरान बाबा ने अपने बेटों व पोतों को पढ़ाई से जोड़े रखा। उनकी पढ़ाई में कहीं कोई कमी नहीं आने दी।

अभी बाबा के चार पोते सरकारी सेवा में

family

किशना बाबा के पांच बेटे व दस पौते है। चार पौते सरकारी सेवा में है। सुरेश यादव बैंक में मैनेजर, राजकुमार यादव दिल्ली पुलिस में, एक कनिष्ठ सहायक व एक व्याख्याता है। तीन पौते सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है। तीन पौते व्यवसाय संभाल रहे है।


बाबा का एक बेटा गोपाल यादव बीएसएनएल से सेवानिवृत होकर परिवार की संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे है। एक बेटा अर्जुन यादव खेती बाड़ी में सहयोग करते है। तीन बेटे बंशीधर, मदन व रामसहाय अपने व्यवसाय संभाल रहे है।

संयुक्त परिवार को लेकर बाबा की तीन सीख-

हमारे परिवार की संस्कृति आज भी वसुधैव कुटुम्बकम की है। जिसमें एक दूसरे के प्रति सद्भावना, आपसी प्रेम, दुख सुख में एक साथ खड़े रहना तथा विपत्ति का एक साथ मिलकर मुकाबला करना परिवार का मुख्य आधार हे।
हमारे परिवार का ध्यये परिवार बना रहे में है क्योंकि लोग लक्ष्य तक पहुंच सकते है, कामयाब बन सकते है, धनवान बन सकते है, लेकिन बुद्धिजीवी लोग ही संयुक्त परिवार बना सकते है।

हमारे परिवारजनों की यह समझ रही है कि असली सुख खुद को सुखी करने में नहीं बल्कि परिवार को सुख कैसे मिले इसमें है।

इनका कहना है

family

    संयुक्त और एकल परिवार में रह रहे लोगों की जिंदगी काफी अलग होती है। संयुक्त परिवार में रहने वाले लोग संबंधों को ज्यादा तरजीह देते हैं। इससे ही पूरे परिवार का कल्याण होता है। संयुक्त परिवार में पले-बढ़े लोग अपनी आने वाली पीढियों का भी भविष्य उज्जवल देखते हैं। उनकी सोच भी लोगों के प्रति काफी सकारात्मक होती है।– गोपाल यादव, संयुक्त परिवार का संचालक

    Hindi News/ Jaipur / Rajasthan News : चार पीढ़ी एक साथ, एक चूल्हे पर बनता है 41 लोगों का खाना

    ट्रेंडिंग वीडियो