जानकारी के मुताबिक, मृतक नरेश कुमार जायसवाल (47) नया खेड़ा, विद्याधर नगर के रहने वाले थे। फोर्टिस हॉस्पिटल में करीब एक महीने पहले किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। ट्रांसप्लांट के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। चार अप्रेल को जांच में इंफेक्शन की वजह से हॉस्पिटल प्रशासन ने उन्हें दोबारा भर्ती कर लिया। तब से वे हॉस्पिटल में ही भर्ती थे। डॉक्टर्स उन्हें शुक्रवार देर शाम को छुट्टी देने वाले थे। बाद में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया।
एकदम सही थे, फिर बिगड़ी तबीयत
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि सब कुछ सही था, लेकिन इंजेक्शन लगाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। शनिवार दोपहर को उनकी मौत हो गई। परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया। समझाइश के बाद वह मान गए। नरेश को उनकी मां ने किडनी डोनेट की थी।
हॉस्पीटल प्रशासन बोला, कार्डियक अरेस्ट से हुई मौत
47 वर्षीय मरीज का किडनी प्रत्यारोपण 22 मार्च को किया गया था। 30 मार्च को स्टेबल स्थिति में छुट्टी दे दी थी। बाद में पेल्विक डिसफंक्शन और संक्रमण के कारण 4 अप्रेल को फिर से भर्ती कराया गया था, जो की कुछ मामलों में हो सकता है। मेडिकल लिटरेचर में कहा गया है कि किडनी प्रत्यारोपण में संक्रमण एक प्रमुख जोखिम है। शुरुआत में इलाज पर अच्छी प्रतिक्रिया देने के बाद मरीज को 19 अप्रेल को एमआइसीयू में कार्डियक अरेस्ट हुआ। हमारी मेडिकल टीम के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद भी रोगी को बचाया नहीं जा सका। फोर्टिस हेल्थकेयर में हम अपने मरीजों की सुरक्षा और इलाज के प्रति गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सभी मानक प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हैं। कठिन समय में हमारी गहरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।