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Rajasthan: 5 विधायकों और 3 पूर्व मंत्रियों को नहीं पहुंचा नोटिस तो 4 सप्ताह तक टली सुनवाई, जानें क्या है पूरा मामला

Rajasthan Politics: राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस के 81 विधायकों के इस्तीफा मामले की सुनवाई चार हफ़्ते के लिए टाल दी। पांच विधायकों और तीन पूर्व मंत्रियों को नोटिस नहीं पहुँच पाने के कारण सुनवाई स्थगित हुई है।

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राजस्थान हाईकोर्ट फाइल फोटो: पत्रिका

High Court: हाईकोर्ट ने कांग्रेस सरकार के समय 81 विधायकों के इस्तीफा देने के मामले में तीन पूर्व मंत्रियों सहित पांच तत्कालीन विधायकों को नोटिस तामील नहीं होने के कारण सुनवाई चार सप्ताह टाल दी। साथ ही इन पांचों तत्कालीन विधायकों को नोटिस तामील कराने के निर्देश दिए।

मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव व न्यायाधीश चन्द्र प्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने तत्कालीन स्पीकर को अपने व 75 अन्य विधायकों के इस्तीफे सौंपने वाले तत्कालीन मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी व रामलाल जाट, तत्कालीन विधायक रफीक खान, महेन्द्र चौधरी व संयम लोढ़ा को नोटिस जारी किए थे लेकिन अभी तक रफीक खान को ही नोटिस तामील हुआ है।

उठाए कई करोड़ के वेतन-भत्ते

राठौड़ की ओर से दायर याचिका में कहा कि 25 सितंबर 2022 को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को 81 विधायकों के इस्तीफे सौंपे गए। याचिकाकर्ता के अनुसार इस्तीफा देने के बाद इन 81 विधायकों ने वेतन भत्तों के तौर पर कई करोड़ रुपए प्राप्त किए। याचिका में विधानसभा अध्यक्ष के पास आए इस्तीफों पर निर्णय करने के लिए अधिकतम समय सीमा तय करने का भी आग्रह किया।

ये था पूरा मामला

सितंबर 2022 में कांग्रेस हाईकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को जयपुर भेजा था। उन्हें वहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक में एक प्रस्ताव पास करवाना था। उस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में थे इसलिए माना जा रहा था कि राज्य में नया मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और सचिन पायलट को यह जिम्मेदारी मिल सकती है। यह खबर गहलोत समर्थकों को पसंद नहीं आई इसलिए उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया।

इसके बजाय वे शांति धारीवाल के घर पर इकट्ठा हुए और एक अलग बैठक की। इस बैठक में 81 विधायकों ने सचिन पायलट के खिलाफ नाराजगी जताई और एकजुट होकर इस्तीफे दे दिए। इन विधायकों की मांग थी कि नया मुख्यमंत्री वही न बने जो पहले मानेसर संकट के समय सरकार के खिलाफ था। इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को दिए गए और इस्तीफा देने के बाद इन 81 विधायकों ने वेतन भत्तों के तौर पर कई करोड़ रुपए प्राप्त किए।