
टेक्नोलॉजी का रास्ता अपनाकर जुगाड़ से दूर रहना होगा
जयपुर. भारत गुणवत्ता के साथ आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी हो सकता है। इसके लिए हमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का रास्ता अपनाना होगा और जुगाड़ से दूर जाना होगा। शनिवार को भारत सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी सचिव प्रो.आशुतोष शर्मा ने राजस्थान स्ट्राइड वर्चुअल कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी भारत को आत्मनिर्भर बनाने की राह को आसान करेगी। उन्होंने अनुसंधान और विकास (आर एंड डी), आविष्कार, नवाचार, प्रोटोटाइप, स्टार्टअप, बाजार और उद्योग की उपयोगिता पर जोर देते हुये कहा कि भारत आर एंड डी में पीछे नहीं है क्योंकि पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित करने के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि आरएंडडी को बाजार में उत्पाद के रूप में उतारा नहीं जा रहा है। जैवप्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र की तैयारियों ने कई समस्याओं के समाधान का अवसर दिया। महामारी के 15 दिनों में कई स्टार्टअप आए। कोविड-19 के दौरान 500 समाधान थे जिनमें ट्रैकिंग, टेस्टिंग किट आदि शामिल रहे। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव डॉ. गुरुप्रसाद महापात्र ने स्टार्टअप नीति के बारे में बताया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग राजस्थान सरकार की सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से देश में औद्योगिक उत्पादन को वैश्विक मापदंडों के अनुरूप बनाने के साथ-साथ रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर लक्ष्य को आसानी से अर्जित किया जा सकता है।
Published on:
30 May 2020 09:04 pm
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