
टिकट दलालों के खिलाफ आरपीएफ सख्त, ऑपरेशन 'उपलब्ध' चलाकर कसा जा रहा शिकंजा
जयपुर। ट्रेनों में टिकट ब्लैक करने वाले दलालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। रेलवे सुरक्षा बल ऐसे लोगों पर निगाहें रख रहा है, जो थोक में टिकटों को बुक कर रहे हैं। इसके बाद मोटे दाम पर यात्रियों को बेच रहे हैं। रेलवे सुरक्षा बल ने ऑपरेशन उपलब्ध चलाकर ऐसे लोगों की धरपकड़ शुरू की तो कई हजारों मामले सामने आए। रेलवे ने ऐसे करीब पांच हजार से ज्यादा दलालों पर भी कार्रवाई की है।
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दरअसल, आरपीएफ को लगातार इस बात की शिकायतें मिल रही थी कि कुछ लोग एक साथ टिकट बुक कर रहे हैं। जिसके कारण आम यात्रियों की टिकट बुक नहीं हो पा रही है। इसके बाद रेलवे और आरपीएफ ने ऐसे दलालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्लान बनाया। इसके तहत रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति के कारोबार में अनाधिकृत रूप से शामिल व्यक्तियों के खिलाफ गहन और निरंतर कार्रवाई की। इस ऑपरेशन के तहत साल 2022 में 5 हजार 179 टिकट दलालों पर शिकंजा कस उन्हें गिरफ्तार किया गया। इनके खिलाफ 4 हजार 884 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें आईआरसीटीसी के 1021 अधिकृत एजेंट आरक्षित टिकटों को ब्लैक करने में अवैध साधनों का इस्तेमाल कर रहे थे। 140 से अधिक अवैध सॉफ़्टवेयरों को उनके डवलपर्स, सुपर विक्रेता, विक्रेता और खुदरा विक्रेताओं की गिरफ्तारी के साथ रोका गया है।
ऑपरेशन नारकोस में करोड़ों की वसूली
वहीं, आरपीएफ के ऑपरेशन नारकोस के तहत भी प्रभावी कार्रवाई की गई है। नशा ना केवल व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाता हैं। आरपीएफ को 2019 में एनडीपीएस एक्ट के तहत तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया था। ताकि रेल के माध्यम से नारकोटिक्स की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर फोकस किया जा सके। आरपीएफ ने ऑपरेशन नारकोस शुरू किया है और 1081 अपराधियों को साल 2022 में गिरफ्तार किया गया। ऐसे अपराधियों पर आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकार प्राप्त एजेंसियों को सौंप दिया है। आरपीएफ ने लगभग 80 करोड़ रुपए मूल्य के एनडीपीएस की वसूली की है।
Published on:
29 Jan 2023 03:28 pm
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