‘भगवान का अवतरण साधु-संत और महापुरुषों की रक्षा और दुष्टों के विनाश के लिए होता है। उनके चरणों में समर्पण से आधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक तापों को नष्ट किया जा सकता है। वैशाली नगर, गांधीपथ स्थित एक संस्थान में शुक्रवार को हुए आध्यात्मिक सत्संग में स्वामी नारायणानंद तीर्थ ने दिए। साथ ही उन्होंने भक्तों को सीख दी कि मानव जीवन को व्यर्थ ही न व्यतीत करें। यह बड़े भाग्य से मिला है। वहीं, जीवन में सत्संग जरूरी है। इसी से आचार-विचार में शुद्धता रहती है। साथ ही मोह-माया मन कैसे विरक्त हो इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां भगवान के विभिन्न प्रसंगों व चरित्रों का निरन्तर श्रवण-वाचन होता है वहां कलियुग का प्रभाव नहीं होता।
संयोजक वी.पी.सिंह, एम.पी.सिंह व देवेंद्र सिंह ने बताया कि सत्संग में सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।