एयरलाइन ने इसे, जापान में महिलाओं के लिए कार्यस्थल ड्रेस कोड के खिलाफ चलाए गए ‘कूटू’ आंदोलन के लिए एक बड़ी जीत बताया। यह एयरलाइन महिलाओं की शिकायतों के जवाब में अपने नियमों को शिथिल करने वाली पहली प्रमुख जापानी कंपनी है।
जापान एयरलाइंस (जेएएल) ने कहा कि उसके नए ड्रेस कोड अगले महीने लागू होगा। इसमें लगभग छह हजार महिला चालक दल के सदस्य ऐसे जूते चुनने में सक्षम होंगी जो उनके लिए उपयुक्त हों। इसके साथ ही स्कर्ट की अनिवार्यता भी नहीं होगी। ‘कूटू’ आंदोलन शुरू करने वाली जापानी लेखिका और अभिनेत्री यूमि इशिकावा ने एयरलाइन के इस फैसले का स्वागत किया है।
ऐसे शुरु हुआ था अभियान
जापान की अभिनेत्री यूमि इशिकावा ने ड्यूटी के वक्त ऊंची हील वाली जूतियां पहनने को महिलाओं की एक बड़ी समस्या बताते हुए इसके खिलाफ ‘कूटू’ अभियान छेड़ने के साथ ही एक याचिका भी दायर की थी। उनके साथ ही अन्य महिलाओं ने भी ऑफिस के ड्रेसकोड में हाई हील्स की अनिवार्यता का विरोध किया। जापानी भाषा में जूतों को ‘कुत्सु’ और पीड़ा को ‘कुत्सू’ कहते हैं।
इशिकावा ने बीस हजार लोगों के हस्ताक्षर वाली याचिका जापान सरकार को सौंपते हुए कहा था कि ऊंची हील वाली जूतियां पहनने को विवश करना एक लैंगिक भेदभाव है। पुरुष प्रधान समाज ड्यूटी के वक्त काम से ज्यादा महिलाओं के बाहरी रूपरंग को अहमियत देना चाहता है। वह महिलाओं के चेहरे पर मेकअप और पैरों में हील वाली जूतियां पहनने को ज्यादा महत्व देता है।
इशिकावा की तरह ही कुछ साल पहले ब्रिटेन में ऊंची एड़ी वाली जूतियां न पहनने पर नौकरी से से बर्खास्त निकोला थॉर्प ने हस्ताक्षर अभियान छेड़ दिया था। उस समय उनकी याचिका को पचास हजार से अधिक लोगों का समर्थन मिला था। महिलाओं का कहना है कि हाई हील्स से एड़ी में दर्द, कमर दर्द जैसी तकलीफों से गुजरना पड़ता है।