
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर हो रही पैसों की बर्बादी जानिए कैसे ?
जयपुर. शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर पैसों की बर्बादी हो रही है। अफसर आंखें बन्द कर सिर्फ बजट खर्च करने पर आमादा हैं। प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कामों से शहर स्मार्ट बनेगा या सूरत और बिगड़ जाएगी, यह देखने वाला कोई नहीं है। हैरान हुई जनता विरोध पर उतर रही है, कदम-कदम पर अफसरों की अदूरदर्शिता सामने भी आ रही है लेकिन न सरकार चेत रही है और न जन प्रतिनिधि। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का मकसद है कि लोगों को गुणवत्ता पूर्ण जीवन मिले लेकिन प्रोजेक्ट से जुड़े अफसरों ने इस उद्देश्य को हाशिये पर खिसका दिया है। लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की बजाय दिखावे पर फोकस किया जा रहा है। पार्किंग के लिए वैकल्पिक स्थान तय किए बिना ही सड़कें संकरी की जा रही हैं। ऐसे में लगातार लोग विरोध कर रहे हैं।
यह होना चाहिए था सबसे पहले
- सड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो
- प्रदूषण से राहत मिले
- पार्किंग की समस्या हल हो
- सरकारी दफ्तरों से जुड़े काम आसानी से हों, लोगों को चक्कर नहीं लगाने पड़ें
- ये काम तो बाद में भी हो सकते थे : फसाड़, स्मार्ट रोडसड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो
- प्रदूषण से राहत मिले
- पार्किंग की समस्या हल हो
- सरकारी दफ्तरों से जुड़े काम आसानी से हों, लोगों को चक्कर नहीं लगाने पड़ें
- ये काम तो बाद में भी हो सकते थे : फसाड़, स्मार्ट रोड
काम व उनकी हकीकत देखिए
चारदीवारी के 9 बाजार में फसाड़ कार्य
हकीकत : पहले भी यह काम हो चुका है लेकिन गुणवत्ता पर सवाल उठे। बारिश के बाद बाजारों की दीवारों पर फसाड़ कार्य की परतें खुलती गई।
स्मार्ट रोड
हकीकत : किशनपोल बाजार से शुरुआत लेकिन लोग प्लानिंग के विरोध में आ गए। अधिकारियों को व्यापारियों के साथ बैठक करनी पड़ी। यहां सड़क संकरी कर दी लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की।
पार्किंग
हकीकत : चांदपोल अनाज मण्डी, जयपुरिया अस्पताल में पार्किंग निर्माण का काम शुरू हुआ। चौगान में काम होना बाकी।
बायसाइकिल शेयरिंग मोबिलिटी प्रोजेक्ट
हकीकत : जेएलएन मार्ग पर दो जगह, रामनिवास बाग के बाहर व जवाहर सर्किल पर साइकिल स्टेण्ड बनाए गए। इन पर ताले लटके हुए हैं।
स्मार्ट रोड आइसीटी कार्य
हकीकत : अभी तक स्मार्ट रोड का ही काम नहीं हुआ। वाइफाइ व अन्य तकनीकी काम शुरू होने का अब तक पता नहीं है।
विद्युत केबल भूमिगत
हकीकत : जयपुर डिस्कॉम को निर्धारित राशि दे दी गई है लेकिन अभी काम शुरू ही हुआ है। सुविधा मिलना दूर है।
कार्यों की स्थिति
- 1526 करोड़ के प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की जा सकी है अब तक
- 118 करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे कर चुकी है स्मार्ट सिटी कंपनी, इनमें जेडीए व नगर निगम के काम शामिल कर लिए
- 584 करोड़ के प्रोजेक्ट संचालित हैं अभी
- 13.94 करोड़ के काम खुद ने किए हैं अब तक, जिनमें चौगान स्टेडियम में रूफटॉप सोलर, स्मार्ट क्लास रूम, राजस्थान स्कूल ऑफ आट्र्स भवन का जीर्णोद्धार, स्मार्ट टॉयलेट के कार्य शामिल
- 104 करोड़ के कार्य दूसरे विभागों ने किए, जिनमें रामनिवास बाग में कायाकल्प कार्य, एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग ऐप, स्ट्रीट लाइट आदि शामिल
Published on:
08 Jun 2018 11:40 am
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