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निर्मल चौधरी का वह 3 साल पुराना VIDEO, जो आज बना हिरासत का बड़ा कारण… देखें

Nirmal Chaudhary Detained: राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को शनिवार सुबह पुलिस ने हिरासत में लिया। वे RU में दर्शन शास्त्र के चौथे सेमेस्टर का पेपर देने पहुंचे थे।

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Nirmal Chaudhary detained

निर्मल चौधरी को पुलिस ने किया डिटेन, फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Nirmal Chaudhary Detained: राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को शनिवार सुबह पुलिस ने हिरासत में लिया। वे राजस्थान यूनिवर्सिटी में दर्शन शास्त्र के चौथे सेमेस्टर का पेपर देने पहुंचे थे। इस दौरान सिविल ड्रेस में तैनात पुलिस ने उन्हें एग्जाम सेंटर से बाहर निकलते ही डिटेन कर लिया।

उनके साथ मौजूद संगरिया (हनुमानगढ़) के कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया भी घटना के समय यूनिवर्सिटी में थे। पुलिस ने पूनिया को हिरासत में लेने से इनकार किया है। लेकिन विधायक पूनिया ने दावा किया है कि पुलिस ने उनको भी हिरासत में लिया था।

तेजस्विनी गौतम ने क्या बताया?

डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम ने बताया कि निर्मल चौधरी के खिलाफ 2022 में गांधी नगर थाने में राजकार्य में बाधा, सरकारी संपत्ति को नुकसान और पुलिस से बदसलूकी का मुकदमा दर्ज था। इस मामले में अपराध सिद्ध होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। गौतम ने स्पष्ट किया कि चौधरी को एग्जाम देने के बाद हिरासत में लिया गया।

वहीं, अभिमन्यु पूनिया खुद चौधरी को बचाने के लिए पुलिस की गाड़ी में बैठ गए थे, लेकिन उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया। पूनिया बाद में अपने आवास चले गए।

अगस्त 2022 का है यह मामला

बताते चलें कि 22 अगस्त 2022 को राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव से पहले नामांकन के दिन बिना अनुमति रैली निकालने पर पुलिस और छात्रों में झड़प हो गई थी। इस दौरान निर्मल चौधरी और उनके समर्थकों पर पुलिस जीप तोड़ने, एसएचओ की वर्दी फाड़ने और डीएसपी मुकेश चौधरी को घायल करने का आरोप लगा। हिंसक झड़प में कई छात्रों को भी चोटें आई थीं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया था।

यहां देखें वीडियो-


वहीं, आज निर्मल चौधरी की हिरासत के बाद कैंपस में कुछ छात्रों ने हंगामा किया, लेकिन पुलिस की गाड़ी जाने के बाद मामला शांत हो गया। चौधरी ने आरोप लगाया कि सुबह से ही सिविल ड्रेस में पुलिस उनकी निगरानी कर रही थी और उन्हें जबरन हिरासत में लिया गया। विधायक पूनिया ने पुलिस के व्यवहार को गुंडागर्दी करार देते हुए कहा कि उन्हें और चौधरी को अपराधियों की तरह पकड़ा गया।

क्या है डॉ. राकेश विश्नोई मामला?

हाल ही में जोधपुर के रेजिडेंट डॉ. राकेश विश्नोई की आत्महत्या के बाद सवाई मानसिंह हॉस्पिटल की मोर्चरी के बाहर धरने के दौरान भी चौधरी चर्चा में थे। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने पुलिस से बदसलूकी की थी। विश्नोई के परिजनों ने उनके HOD पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस मामले में चौधरी, पूनिया और सांसद हनुमान बेनीवाल धरने में शामिल थे। 20 जून को सरकार और परिजनों के बीच सहमति के बाद धरना खत्म हुआ था।

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