
जयपुर के चौड़ा रास्ता के ताडक़ेश्वर महादेव श्मशान की भूमि पर थे।

मान्यता तो यह है कि एक बार अम्बिके श्वर महादेव मंदिर के व्यास सांगानेर जाते वक्त यहां पर रुके थे और सबसे पहले उन्होंने यह शिवलिंग देखा था।

स्थापना: जयपुर शहर की स्थापना (18 नवम्बर, 1727) से पहले बाबा ताडकऩाथ थे।

खासियत: ताड़ के वृक्ष होने की वजह से ताडक़ेश्वर महादेव कहलाए। जयपुर स्थापना के समय मंदिर को भव्य रूप दिया गया।