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जयपुर

JLF 2018: फूड तो फास्ट हो गया और स्वास्थ्य में ठहराव का खतरा

JLF 2018: सरकारी दफ्तर हो, व्यवसाय या निजी नौकरी, सभी जगह नियम-कायदों का बंधन है।

जयपुरJan 26, 2018 / 04:54 pm

rajesh walia

The 2018 Jaipur Literature Festival
जयपुर।

सरकारी दफ्तर हो, व्यवसाय या निजी नौकरी, सभी जगह नियम-कायदों का बंधन है। लेकिन घर पहुंचते ही नियम हवा हो जाते हैं। खासकर, खाना सामने हो तो। पोषक युक्त भोजन करने की बजाय युवा केवल जीभ और पेट का ध्यान रखने लगे हैं। फूड तो फास्ट हो गया और स्वास्थ्य में ठहराव का खतरा। इसके लिए आहार में नियम बेहद जरूरी है। खाने की हर चीज का स्वाद चखें, लेकिन उसे पोषणयुक्त बनाकर।
लिटरेचर फेस्टिवल में ‘दस्कारखान्स एंड डाइट रेजीम्स : कुक बुक एक्रॉस जनरेशन’ सबजेक्ट पर हुए सेशन में चर्चित चांद सुर और उनकी बेटी सुनीता कोहली ने पौष्टिक और स्वादिष्ट खाने की पोटली खोली। वर्ष 1925 में जन्मी लेखिका चांद सुर ने इसके गुर सिखाए, जो उनकी लिखित किताब में भी बताए गए। वे ऐसी कुक हैं जो पोषक और स्वस्थ भोजन पर बहुत जोर देती है।
लंच, डिनर हो या चाय पार्टी, सभी में स्वाद के साथ सुस्वास्थ्य का खजाना बताया। सुनीता कोहली इंटीरियर डिजाइनर हैं, लेकिन अपनी मां से खाना पकाने का जुनून विकसित किया और नए व्यंजन बनाने की कोशिश का फायदा उठाया। कोहली ने भी अपनी मां की खाने से स्वास्थ्य की यात्रा का बखान किया। इस दौरान लेखिका, मॉडल श्वेता जयशंकर ने भी पौष्टिक खाने और खुद के स्वास्थ्य को जोड़कर लोगों को जागरुक किया।

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