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राजस्थान में एम्स की तर्ज पर रिम्स बनाने का प्रोजेक्ट अटका, हाईकोर्ट की रोक, जानें कारण

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय- आरयूएचएस जयपुर के मेडिकल व डेंटल कॉलेज राज्य सरकार को सौंपने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी। साथ ही इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा।

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आरयूएचएस जयपुर, पत्रिका फोटो

आरयूएचएस जयपुर, पत्रिका फोटो

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय- आरयूएचएस जयपुर के मेडिकल व डेंटल कॉलेज राज्य सरकार को सौंपने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी। साथ ही इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा। ये कॉलेज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की तर्ज पर रिम्स विकसित करने के लिए सरकार को सौंपे जा रहे थे।

हाईकोर्ट ने याचिका पर दिए अंतरिम आदेश

न्यायाधीश सुदेश बंसल ने डॉ. प्रकृति व अन्य की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की और यह अंतरिम आदेश दिया। अधिवक्ता अजय शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि आरयूएचएस के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने 25 जनवरी को विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज व डेंटल कॉलेज को राज्य सरकार को सौंपने का निर्णय किया। याचिका में इसे चुनौती देते हुए कहा कि आरयूएचएस एक्ट-2005 की धारा 23 में बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के कार्य व शक्तियों का उल्लेख है, जिसमें मैनेजमेंट को कॉलेज ट्रांसफर करने की शक्ति नहीं है।

इसके बावजूद मैनेजमेंट ने दोनों कॉलेज राज्य सरकार को सौंपने का निर्णय ले लिया, जिसे रद्द करने का आग्रह याचिका में किया गया। इस पर कोर्ट ने बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट कीे 25 जनवरी की बैठक की उन मिनिट्स पर रोक लगा दी, जिसमें आरयूएचएस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज और आरयूएचएस कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज को सरकार को सौंपने का निर्णय किया गया था।

आरयूएचएस हॉस्पिटल को बनाया जाना था स्वायत्तशासी संस्थान

उधर, सरकार इन दोनों संस्थानों को रिम्स के रूप में विकसित करने के लिए यहां सुपर स्पेशियलिटी विंग खोलने और हॉस्पिटल को एम्स की तर्ज पर रैफलर हॉस्पिटल बनाने का मानस बना रही थी। रिम्स के रूप में आरयूएचएस हॉस्पिटल को स्वायत्तशासी संस्थान बनाया जाना था।