-96 देशों के 18 हजार कर्मियों में 80 फीसदी ने कहा, फ्लेक्सीबल ऑवर से उत्पादकता बढ़ी
जयपुर.
फिनलैंड कर्मचारियों की खुशी के लिए काम के घंटों में सुविधानुसार छूट देकर उत्पादन भी बढ़ा रहा है। 90 के दशक के मध्य से यहां वर्किंग ऑवर्स एक्ट के मुताबिक नागरिकों को वर्किंग ऑवर्स के तीन घंटे आगे-पीछे करने का अधिकार है। 2011 के वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार 10 में से 9 फिनिश कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को काम करने के लचीले विकल्प दिए हैं। अब अगले वर्ष आ रहे नए एक्ट में एक सप्ताह में 40 घंटे काम करना होगा। यानी 40 घंटे कर्मचारी अपनी सुविधानुसार तय कर सकते हैं। कर्मचारी चाइल्डकेयर व एक्सरसाइज के लिए भी समय निकाल सकते हैं। साथ ही सुविधानुसार ओवरटाइम कर छुट्टियों का ‘बैंक’ बना सकते हैं, जिससे वे अपनी छुट्टी की अवधि बढ़ा सकते हैं। ये नियम, दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले कर्मचारियों को आकर्षित करने के लिए है। इससे काम के साथ ही लोगों का घर से जुड़ाव बना रहेगा और उत्पादकता भी बढ़ेगी।
दूसरे देशों में भी फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर
ब्रिटेन में एचएसबीसी के अध्ययन में 90 फीसदी ने कहा कि फ्लेक्सीबल वर्किंग ऑवर्स से उत्पादकता बढ़ी है। एक सर्वेक्षण में ब्रिटेन में महज 6 फीसदी लोग पारंपरिक 9 से 5 बजे तक काम करते हैं। यहां भी लचीले घंटे और वर्क पैटर्न को वेतन से ज्यादा पसंद किया जाता है। ऑस्टे्रलिया ने भी इस पद्धति को अपनाया है।