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कोरोना की मार झेल रहे हजारों मेडिकल स्टूडेंट्स,अपने भविष्य की चिंता में

कोरोना की वजह से देरी से शुरू हुआ मेडिकल कॉलेजेज में शैक्षणिक सत्र अब मेडिकल स्टूडेंट्स की RUHS से समय पर परीक्षा करवाने की मांग

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Thousands of medical students suffering from Corona, worried about the

Thousands of medical students suffering from Corona, worried about the

प्रदेश के MBBS मेडिकल स्टूडेंट्स को देरी से शुरू हुए सत्र के कारण झटका लगा हैंं। कोरोना के कारण देरी से शुरू हुए इस शैक्षणिक सत्र की परीक्षाएं समय पर शुरू नहीं हो सकी हैंं। जिस कारण से डॉक्टर बनने का सपना देख रहे मेडिकल स्टूडेंटस अपने भविष्य को लेकर चिंता में हैं।

स्टूडेंटस् का कहना है कि RUHS विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंटस की ही परीक्षाएं देरी से हो रही हैं। विश्वविद्यालय की गलती का खामियाजा प्रदेश के हजारों विद्यार्थी भुगत रहे हैं।

UG मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि- कोरोना के समय परीक्षा समय पर नहीं होने से और उसके बाद देरी से सत्र शुरू होने के नुकसान को ध्यान में रखते हुए आरयूएचएस यूनिवर्सिटी को आगे की परीक्षाओं को समयानुसार आयोजित करना चाहिए। जिससे कि इंटर्नशिप की शुरुआत तय समय पर हो पाए।साथ ही वह यूजी के स्टूडेंट्स जो मेडिकल में पढ़ाई आगे जारी रखना चाहते हैं, उनका विश्वविद्यालय की ओर से समय पर परिणाम जारी होने से वह पीजी एंट्रेस टेस्ट या पीजी की आगे परीक्षाओं के लिए उन्हें मौक़ा मिल सकें।

यूजी स्टूडेंटस की माने तो सिर्फ आरयूएचएस से जुड़े मेडिकल कॉलेजेज के स्टूडेंट्स की परीक्षाओं में ही देरी हुई हैं। बल्कि देश और राजस्थान में अन्य निजी यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी मेडिकल कॉलेजेज में इस बैच के स्टूडेंट्स की परीक्षा नियमित समय पर हो रही हैं। जबकि RUHS यूनिवर्सिटी से संबधित मेडिकल कॉलेजेज में विश्वविद्यालय की लापरवाही से परीक्षाएं शुरू होने में देरी हो रही है।

शैक्षणिक सत्र देरी से शुरू होने के कारण प्रदेश के 4 हजार से ज्यादा इंटर्न डॉक्टर्स को बड़ा झटका लगा है। कोरोना के कारण सत्र देरी से शुरू होने के कारण उनकी इंटर्नशिप पूरी नहीं हो पाई। कोरोना के कारण शैक्षणिक सत्र देरी से शुरू होने के कारण यूजी स्टूडेंट्स् की इंटर्नशिप 2022 की बजाय मार्च 2023 में पूरी होगी। इसी तरह सभी परीक्षाएं देरी से शुरू होगी। स्टूडेंट्स का कहना है कि टाइम शेडयूल को सुधार कर समय पर परीक्षाएं नहीं करवाई गई तो हर साल ऐसा ही खामियाजा स्टूडेंटस को भुगतना होगा।

इंटर्नशिप में देरी के कारण सरकारी एवं निजी कॉलेजेज में इंटर्नशिप कर रहे इस बैच के लगभग 4000 डॉक्टर भर्ती की रेस से बाहर हो गए हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर के 1765 पदों पर भर्ती निकाली हैं, लेकिन इस भर्ती में कोरोना के कारण देरी से शुरू हुए MBBS के शैक्षणिक सत्र के कारण प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के 2017 बैच के इंटर्न डॉक्टर की इंटर्नशिप समय पर पूरी नहीं होने से वह आवेदन के पात्र नहीं है।

आरयूएचएस से अधीन कॉलेजेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे सभी मेडिकल स्टूडेंट्स परीक्षा समय पर कराने की मांग को लेकर राजस्थान स्वास्थ्य विश्विद्यालय में चक्कर काट रहे है। मंगवालर को भी स्टूडेंटस ने आरयूएचएस विश्वविद्यालय में पहुंच कर प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा।