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Aaj Ka Rashifal 17 September : जानिए आज क्या कहता है आपका भाग्य बता रहे हैं तीन ज्योतिषाचार्य

पढ़े तीन ज्‍योतिषियों से राशिफल स‍मेत फैमिली एस्‍ट्रो स्‍पेशल सिर्फ पत्रिका पर

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जयपुर

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Riya Kalra

Sep 16, 2023

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आपके सवालों के जवाब फैमिली एस्ट्रो स्पेशल पर
ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज के साथ

यहां पाएं चार तरह की एस्ट्रो विधाओं के टिप्स
1). अंकगणित
2). टैरो कार्ड
3). वैदिक ज्योतिष (सनसाइन-मूनसाइन)
4). वास्तु शास्‍त्र
यह कॉलम उन पाठकों के लिए है जो ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से भविष्य के पूर्वानुमानों में भी रुचि रखते हैं। भविष्य के पूर्वानुमान लगाने की लगभग सभी लोकप्रिय विधाओं को समाहित कर इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह देश में एक नए तरह की पहल है। जिसमें पाठक ना केवल दिन से जुड़ी सम्भावनाओं की जानकारी लें सकेगें साथ ही भविष्य से जुड़े प्रश्न भेज पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेगें।
इस कॉलम में अंकगणित टैरो कार्ड, सनसाइन, वैदिक ज्योतिष एवं मून साइन के अनुसार ग्रह नक्षत्र के समग्र प्रभाव का पूर्वानुमान और संभावना पर लगातार जानकारियों को साझा करेंगे।

ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज

अंक ज्योतिष के अनुसार आज का मूलांक 8 है जो की एक और साथ के सहयोग से बना है साथ में आज का भाग्य अंक 6 है जो की तीन और तीन के सहयोग से बना है। इसके मायने यह है कि आज का दिन कठोर परिश्रम के साथ कूटनीति और कलात्मक अभिरुचियों और तकनीकी सहायता से विशेष सफलता पाने का दिन रह सकता है। वे सभी लोग जो तकनीकी के क्षेत्र में कम कर रहे हैं और पिछले दिनों अपने कार्यों के अंदर खास प्रगति नहीं कर पाए या वे सभी लोग जो पहन के पीछे खड़े होकर कार्य करते हैं और अपने कार्यों की प्रशंसा या सही मूल्यांकन उनका नहीं हो पाया ,उन सभी के लिए आज का दिन विशेष हो सकता है और उन्हें अपने कार्यों की प्रशंसा के साथ धन और अपने प्रयत्नों का सही आर्थिक और प्रतिष्ठा के रूप में स्थाई सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। आज का दिन मूलांक 1 2 4 6 और आठ वालों के लिए बेहतर रहने की संभावना है।


सनशाइन के अनुसार आज का दिन आपस के विचारों और कार्यों के अंदर तालमेल के अभाव के कारण कार्य स्थल पर एकल सफलता का रहने की संभावना है। व्यक्तिगत रूप से श्रेष्ठ कार्यों पर आज फोकस रखें सामूहिक कार्य का दिन नहीं है। कूटनीति और एक दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ में लोग सहयोग काम करना पसंद करेंगे। तकनीकी की मदद लेकर अपने कार्यों पर फोकस रखते हुए उच्च अधिकारियों के साथ तालमेल बिठाते हुए अगर कार्य करेंगे तो आज के दिन का सही उपयोग कर पाएंगे।

मून साइन आज का दिन भावनात्मक कार्यों में उलझन का दिन हो सकता है। प्रेम संबंध मे व्यावहारिकता की अधिकता से की गई वार्ता भावुक मन को दुख पंहुचा सकती है, इसलिए यथा संभव आज साथी के साथ लंबी वार्ता टालनी होगी।

रिश्ते संबंध राशिफल
रिश्ते संबंधों के लिए आज से आने वाला सप्ताह थोड़ा मुश्किल भरा रहने की संभावना है। एक तरफ कर्तव्य और व्यक्तिगत उपलब्धियां के लिए किया जा रहे प्रयास होंगे और दूसरी तरफ साथी की भावनाएं किसी एक को चुनने की दुविधा पूर्ण स्थिति आ सकती है। अपने शिक्षा या व्यवसाय या अपनी ड्यूटी से जुड़े हुए कार्यों को करते हुए सामान्य से अधिक व्यस्त सप्ताह रहने की संभावना है। भावनात्मक विषयों पर इच्छा होते हुए भी कम ध्यान केंद्रित करना पड़ सकता है। सप्ताह का मध्य भाग ऐसे लोगों से संपर्क में लाने के योग बन रहा है जिनके पास विशेष दृष्टि रहने की संभावना रहेगी वह आपके कार्यों में तकनीकी या अन्य प्रकार की मदद करते हुए आपको श्रेष्ठ हाल दे सकते है। सप्ताह का अंत ऐसे विषयों से हो सकता है जो भविष्य के लिए धन या संसाधन उपलब्ध कराने के लिए आपकी अपेक्षाओं से बढ़कर के आपकी मदद करने की कोशिश करें। ऐसे में संबंधों में थोड़ी दूरी सहायक तौर पर आ सकती है लेकिन एक दूसरे को किया गया सहयोग और मदद एक दूसरे के कार्यों के अंदर आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।

टैरो कार्ड में आज का कार्ड हाई प्रीस्ट टेस्स के साथ सिक्स ऑफ स्वार्ड स है इसके मायने यह है आज का दिन नॉन एक्शन और अवेयरनेस को लेकर थोड़ा सस्पेंस और तनावपूर्ण रह सकता है। जिन लोगों के लिए आप एक कोच गाइड रहे हैं उन्हीं लोगों के साथ विचार-विमर्श करके आज के दिन को और बेहतर बनाने के लिए कार्य कर सकते हैं। आज आपका मन उन विषयों पर नहीं लग सकता जो धन या आनंद से जुड़ी हो अपने मन की निराशा को दूर करने के लिए उन अभिरुचियों पर समय बताएं जिन्हें लेकर के आप हमेशा उत्सुक रहें , लेकिन समय अभाव के कारण उन पर काम नहीं कर पाए।

आपका सवाल: गणेश जी को दूर्वा क्यों चढ़ाते हैं?

भगवान गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने के पीछे बहुत ही रोचक कहानी बताई गई है। पुराणों में ऐसा उल्लेख है कि अरुणाचल नाम का राक्षस जो की ऋषि मुनियों को जिंदा निकल जाता था उसे मारने के लिए सभी देवताओं ने जब भगवान शिव से प्रार्थना की तो भगवान शिव जी ने बताया कि उसका वध केवल श्री गणेश ही कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में भगवान गणेश ने उसे सीधा निगल लिया और उसको निगलने के कारण उनके पेट में बहुत तेज प्रकार की अग्नि से पीड़ा पहुंचने लगी उसे पीड़ा को शांत करने के लिए ऋषियों ने गणेश जी को दूर्वा की गांठे भेंट की। यही विशेष प्रकार की जो घास है दूर्वा घास जिससे इसको खाने से भगवान श्री गणेश की अग्नि शांत हुई और इस तरह से यह परंपरा में आया कि भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाई जाए इसका अगर हम दूसरे वैज्ञानिक तौर पर आकलन करें तो हम कह सकते हैं कि यह जो समय है गणेश चतुर्थी से लेकर , अनंत चतुर्दशी तक का यह स्वास्थ्य के लिए बेहद सावधानी का समय है। इस समय पेट की अग्नि थोड़ी बढ़ी भी होती है , और अग्नि से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है। ऐसे में हमें वे वस्तुएं ग्रहण करनी चाहिए जिससे हमारा पाचन ठीक से बना रहे।

ज्यों पं चंदनश्यामनारायण व्यास पंचांगकर्ता

मेष-किसी के सामने झुकना आप को पसंद नहीं है ।वैवाहिक यात्रा सफल रहेगी। गृहस्थ सुख मिलेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कार्य में बाधा संभव है। मकान बदलने से लाभ होगा।

वृषभ- अपने करियर को लेकर आप ईमानदार नहीं है । संभल जाएं । संपत्ति के बड़े सौदे हो सकते हैं ,जो लाभ देगे। कार्यस्थल में उन्नति होगी। निवेश आदि लाभदायक रहेंगे। थकान होगी।

मिथुन- समय के परिवर्तन से राहत महसूस करेंगे । विद्यार्थी वर्ग सफल रहेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। अनाज में निवेश शुभ रहेगा। सोच विचार कर व्यापार करें ,अन्यथा अचानक हानि संभावित है।

कर्क- आप के हौसले से ही आप उन्नती करेंगे ।नए वस्त्र की प्राप्ति समभाव है ।माता पिता को अस्वस्थता रहेगी। आपसी विवाद न करें। शुभ समाचार मिल सकता है। नोकरी में प्रयास ‍अधिक करना पड़ेंगे ।

सिंह- कार्यस्थल पर अधिकारियो से विवाद होंगे। आप की गलती के कारण बने बनाय काम बिगड़ सकते है । बात चीत से काम बन जाएगा । । कार्यसिद्धि होगी।सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धनलाभ होगा। किसी चीज से डरे हुए हैं ।

कन्या- बड़ो की बात मान लेनी चाहिए ।पुराने मित्र-संबंधी से मुलाकात आज संभव है । मित्रो से शुभ समाचार मिलेंगे। आत्मसम्मान बढ़ेगा।

तुला-आज किसी से भी विवाद न करें ।अपने अधिकारो का गलत प्रयोग न करें। यात्रा लाभकारी रहेगी। आप की मेहनत से उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। निवेशादि सफल रहेगा। कुबुद्धि से हानि संभव है।

व्रस्चिक- प्रोफेशन में परिवर्तन चाहते है । पढ़ाई में रूचि की कमी रहेगी। पैरों में दर्द की वजह से अस्त व्यस्त रहेंगे । उत्तेजना से कार्य बिगड़ेंगे । व्यय वृद्धि होगी। तनाव तथा चिंता हावी होंगे। जोखिम न उठाएं।

धनु- अपने व्यवसाय को लेकर यात्रा होगी। प्रोजेक्ट के लिए नए साझेदार मिलेंगे ।घर के किसी सदस्य की चिंता रहेगी। अस्वस्थता रहेगी। बकाया वसूली होगी। यात्रा लाभकारी रहेगी।

मकर- रोज नई योजना बनती है पर चालू एक नहीं होती। परिवार में पूछ परख कम होगी। पिता के साथ मेलजोल बढ़ेगा । कार्यप्रणाली में सुधार होगा। भय, चिंता तथा तनाव का माहौल ख़त्म होगा। मेहनत अधिक होगी।

कुम्भ- आज का दिन महत्वपूर्ण है ।नए लोगो से जरा संभल कर मित्रता करें ।किसी देव स्थान का भ्रमण संभव है ।धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। दुर्घटनादि से बचें। विवाद न करें।

मीन- दिन की शुरुवात में आलस हावी रहेगा। संतो का सानिध्य मिलेगा। वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से बचें। अतिविश्वास हानिकर सिद्ध होगा।

ग्रह-नक्षत्र ज्योतिर्विद: पं. घनश्यामलाल स्वर्णकार

शुभ वि. सं: 2080

संवत्सर का नामः पिङ्गल

शाके सम्वत: 1945

हिजरी सम्वत: 1445

मु. मासः रवि-उल-अव्वल - 01

अयन: दक्षिणायण

ऋतु: शरद्

मासः भाद्रपद

पक्ष: शुक्ल

श्रेष्ठ चौघड़िए आज प्रातः 07-48 से दोपहर 12-21 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तक दोपहर बाद 01-53 से अपराह्न 03- 24 तक शुभ के श्रेष्ठ चौघड़िए हैं एवं दोपहर 11-57 से दोपहर 12-46 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।

तिथि द्वितीया भद्रा संज्ञक तिथि प्रातः 11-09 तक, तदन्तर तृतीया जया संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जायेगीयदि समयादि शुभ हो तो द्वितीया तिथि में विवाहादि मांगलिक कार्य, वास्तु (गृह)अलंकार, यज्ञोपवीत और प्रतिष्ठादिक कार्य तथा तृतीया तिथि में अन्नप्राशन, गीत-संगीत-नृत्य कला, चित्रकारी और सीमन्तकर्म आदि कार्य करने चाहिए

नक्षत्र हस्त क्षिप्र व तियंमुख' संज्ञक नक्षत्र प्रात: 10-02 तक, तदन्तर चित्रा “मृदु व तियंमुख' संज्ञक नक्षत्र हैहस्त नक्षत्र में यात्रा, विद्या, विवाह, अलंकार, गृहारम्भ व प्रतिष्ठा आदि विषयक कार्य और चित्रा नक्षत्र में शान्ति, पुष्ठता, वास्तु, कृषि व अलंकारादिक कार्य शुभ होते हैं।

व्रतोत्सव आश्विन संक्रान्ति, सूर्य कन्या राशि में प्रवेश दोपहर बाद 01-31 पर, पुण्य काल प्रात: 07-07 से, मेला रुणिचा रामदेव जी प्रा. नौ दिन का जैसलमेर (राज.)विश्वकर्मा पूजा, तेलाधर तपस्या (जैन) श्रीवराह जं. तथा मु. मास तीसरा रवि-उल-अव्वल प्रारम्भ ।

चन्द्रमाः चन्द्रमा रात्रि 11-08 तक कन्या राशि में, तदुपरान्त तुला राशि में होगा।

दिशाशूल : रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है चन्द्र स्थिति के अनुसार आज दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।

राहुकाल (मध्यममान से) : सायं 4-30 बजे से सायं 6-00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।

गुरुवार-21,सितम्बर: सूर्य षष्ठी व्रत, बलराम जयन्ती, कार्तिक स्वामी दर्शन, मेला देव छठ् का (मच कुण्ड पर) धौलपुर (राज.), मंथन षष्ठी (बं.), मेला ब्रज मण्डल व लोलार्क कुण्ड स्थान 2 दिन का (काशी उ.प्र.), सोमनाथ व्रत (उड़ी) गण्डमूल अपराह्न 03-34 से।
शुक्रवार-22,सितम्बर: मुक्ता भरण सप्तमी, संतान, दुबड़ी सप्तमी, ललिता सप्तमी (बं.) व (उड़ी), महालक्ष्मी व्रत प्रा. मेला देवनारायण जी का, गुरुनानक देव पु. दि. (नवीन मत से) तथा गण्डमूल सम्पूर्ण दिवारात्रि।
शनिवार-23,सितम्बर: सायन तुला में सूर्य दोपहर 12-20 पर, दुर्गाष्टमी, राधाष्टमी, श्री दधीचि जयन्ती,मेला भर्तृहरि प्रा. अलवर (राज.) भागवत सप्ताह प्रा. राष्ट्रीय आश्विन मास प्रा., सूर्य दक्षिण गोल में प्रवेश, शरद् सम्पात, विषुवदिन तथा गण्डमूल दोपहर बाद 02-56 तक।
रविवार-24,सितम्बर: श्री हरि जयन्ती, श्री चन्द नवमी (उदासीन सम्प्रदाय) अदु:ख नवमी, तल नवमी (बं. व उड़ी), सुगंध धूप दशमी (जैन) तथा दशावतार जयन्ती व व्रत।

वार व तारीख
सोमवार-18,सितम्बर: अन्नप्राशन तृतीया में, हलप्रवहण, नामकरण चित्रा में, वाहन क्रय, मशीनरी प्रा. व विवाह अ.आ. में (शनि वेध) स्वाति में व विपणि व्यापार प्रा. चित्रा में।
मंगलवार-19,सितम्बर: विपणि-व्यापारारम्भ, वाहन क्रय, मशीनरी प्रा. प्रसूतिस्नान, व विवाह अ.आव. में (मृत्यु पंचम व शनि वेध) स्वाति नक्षत्र में।
बुधवार-20,सितम्बर: चूड़ा पहिनना विशाखा में, विवाह, अ.आ. में, विपणि-व्यापारारम्भ, सगाई-रोका, कूपारम्भ, हलप्रवहण व नामकरण आदि सभी अनुराधा में।
गुरुवार-21,सितम्बर: विवाह, प्रसूति स्नान, विपणि-व्यापारारम्भ, अन्नप्राशन, वाहन व मशीनरी व सगाई-सम्बन्ध के अनुराधा नक्षत्र में।
शुक्रवार-22,सितम्बर: विवाह मूल में।
शनिवार-23,सितम्बर: सगाई व रोका मूल व पू.षा. में तथा विवाह का मूल नक्षत्र में।
रविवार-24,सितम्बर: प्रसूति स्नान, सगाई व रोका पूर्वाषाढ़ा में, विपणि-व्यापारारम्भ, आठवां पूजन, पुंसवन, सीमन्तकर्म व सगाई आदि सभी उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में।