31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Kanhaiyalal Murder Case: तीसरी बरसी पर कहां तक पहुंची जांच? NIA में अब तक क्या-क्या हुआ? जानें डिटेल

Udaipur Kanhaiyalal Murder Case: 28 जून 2025 को उदयपुर के चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड की तीसरी बरसी है। 28 जून 2022 को हुए इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था।

3 min read
Google source verification
Kanhaiyalal murder case

फाइल फोटो, सोर्स- पत्रिका नेटवर्क

Udaipur Kanhaiyalal Murder Case: 28 जून 2025 को उदयपुर के चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड की तीसरी बरसी है। 28 जून 2022 को हुए इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था। कन्हैयालाल तेली की दिनदहाड़े उनकी दुकान पर गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के पास है, जिसने अब तक 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

बता दें, इनमें से दो आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, जबकि दो अन्य पाकिस्तानी नागरिक फरार हैं। इस हत्याकांड की जांच में अब तक क्या-क्या हुआ, आइए जानते हैं।

क्या है कन्हैयालाल हत्याकांड?

दरअसल, 28 जून 2022 को उदयपुर के हथीपोल क्षेत्र में कन्हैयालाल की दुकान पर दो हमलावर, मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद, ग्राहक बनकर आए। नाप लेते समय उन्होंने कन्हैयालाल पर धारदार हथियार से हमला किया और उनकी हत्या कर दी। इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया, जिसमें दोनों आरोपियों ने हत्या की जिम्मेदारी ली और इस्लाम का अपमान करने का हवाला दिया।

कन्हैयालाल ने पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान का समर्थन करने वाली पोस्ट शेयर की थी, जिसे हत्या का कारण बताया गया। हमलावरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी थी। घटना के बाद उदयपुर में कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी लागू की गई थी।

NIA की जांच और गिरफ्तारियां

घटना के तुरंत बाद, उसी दिन राजस्थान पुलिस ने रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को राजसमंद जिले से गिरफ्तार किया। 29 जून 2022 को NIA ने जांच अपने हाथ में ली और इसे आतंकी घटना मानकर गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया। NIA ने कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें मोहम्मद जावेद, फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला, मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली और मुस्लिम मोहम्मद शामिल हैं।

दो अन्य आरोपी, सलमान और अबू इब्राहिम, जो पाकिस्तान के कराची के निवासी बताए गए, फरार हैं। 22 दिसंबर 2022 को NIA ने 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें हत्या, आपराधिक साजिश, धार्मिक भावनाएं भड़काने और UAPA के तहत आरोप शामिल हैं।

NIA की विशेष अदालत में जमानत

बता दें, 9 फरवरी 2023 को NIA की विशेष अदालत ने सभी 9 गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। हालांकि, दो आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। 1 सितंबर 2023 को फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को NIA कोर्ट ने जमानत दी, क्योंकि उन पर केवल आर्म्स एक्ट के तहत मामला था और कोई हथियार बरामद नहीं हुआ था।

वहीं, 5 सितंबर 2024 को राजस्थान हाईकोर्ट ने मोहम्मद जावेद को जमानत दी, क्योंकि NIA उनकी लोकेशन और मुख्य आरोपियों के साथ साजिश के सबूत पेश नहीं कर सकी। जावेद पर हत्या से पहले रेकी करने का आरोप था। जावेद की जमानत के खिलाफ कन्हैयालाल के बेटे यश तेली ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर 11 नवंबर 2024 को NIA और जावेद को नोटिस जारी किया गया।

हालांकि NIA की जांच जारी है, लेकिन तीन साल बाद भी मुख्य आरोपियों को सजा नहीं मिली है। बताते चलें कि कन्हैयालाल के परिवार को तत्कालिन राजस्थान सरकार ने 50 लाख रुपये और उनके बेटों को नौकरी दी थी। यह मामला अभी भी संवेदनशील बना हुआ है और जनता के बीच न्याय की मांग तेज है।

कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी

इस मामले ने राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी जंग जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने इस हत्याकांड का राजनीतिक फायदा उठाया, लेकिन NIA ने दोषियों को सजा दिलाने में रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने दावा किया कि मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी बीजेपी कार्यकर्ता था। दूसरी ओर, बीजेपी नेताओं ने गहलोत के आरोपों को खारिज करते हुए इसे कांग्रेस की हताशा बताया।

गहलोत ने उठाए थे गंभीर सवाल

इससे पहले 4 जून को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मामले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि तीन साल बाद भी दोषियों को सजा नहीं मिली, जो पीड़ित परिवार और जनता के लिए चिंता का विषय है। अशोक गहलोत ने NIA की जांच पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि यदि यह केस राजस्थान पुलिस के पास होता, तो उनकी सरकार में दोषियों को सजा हो चुकी होती।

यह भी पढ़ें : राजस्थान के चर्चित IAS का बड़ा दावा, बोले- 80% समय गैर-जरूरी कामों में होता खर्च; सोशल मीडिया पोस्ट वायरल