
कोडुगू जिले को जल्द मिलेंगे विशेषज्ञ चिकित्सक : गुंडूराव
जयपुर। इंदौर निवासी 71 वर्षीय महिला को सांस लेने में तकलीफ के चलते बार-बार हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ रहा था। 16 साल पहले उनके हार्ट के माइट्रल वॉल्व के लीक होने के कारण ओपन हार्ट सर्जरी से वॉल्व को ठीक किया गया था जो वापस खराब हो गया था। अधिक उम्र, किडनी को बीमारी और अत्यधिक कमजोरी के कारण उनकी सर्जरी में जान का जोखिम था। डॉक्टर्स ने बेहद जटिल प्रोसीजर करके बिना किसी सर्जरी के महिला का वॉल्व ठीक कर दिया।
डॉक्टरों के अनुसार यह प्रोसीजर टीएमवीआर इन रिंग था। इटर्नल हॉस्पिटल के स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत द्विवेदी ने यह प्रोसीजर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और इटर्नल हॉस्पिटल के चेयरपर्सन डॉ. समीन शर्मा के निर्देशन में किया। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि महिला का 16 साल पहले माइट्रल वॉल्व में लीकेज होने के कारण सर्जरी करके रिंग इंप्लांट करके वॉल्व रिपेयर किया गया था। उस रिंग में वापस खराबी होने के कारण वॉल्व में सिकुड़न और लीकेज हो गया था। मरीज की बहुत ज्यादा सांस फूलती थी। वे रात में सो भी नहीं पाती थीं, क्योंकि लेटते ही सांस फूलने लगती थी। पिछले 3 से 4 महीने में बार-बार हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ रहा था। मरीज की उम्र अधिक थी, किडनी रोग और मरीज के ज्यादा कमजोर होने के कारण सर्जरी में अत्यधिक जोखिम था।
बेहद चुनौतीपूर्ण था प्रोसीजर
सर्जरी में जान का जोखिम होने के कारण माइट्रल वॉल्व को बिना सर्जरी ठीक करने का निर्णय लिया गया। मरीज की इको जांच के बाद सीटी स्कैन किया। स्कैन में सामने आया कि हार्ट में एक जगह की मांसपेशियां असामान्य थी, जिसके कारण माइट्रल वॉल्व इंप्लांट करने पर एओर्टिक वॉल्व के लिए जगह अवरुद्ध हो सकती थी। ऐसे में असामान्य मांसपेशियों को एल्कोहल सेप्टल एब्लेशन तकनीक से खत्म किया, जिससे माइट्रल वॉल्व इंप्लांट होने पर एओर्टिक वॉल्व को मिलने वाली जगह कम न पड़े। इसके लिए एंजियोग्राफी से ही मांसपेशियों को खून पहुंचाने करने वाली नसों को खत्म कर दिया जिससे मांसपेशियों द्वारा घेरी जा रही अतिरिक्त जगह की समस्या ठीक हो गई।
Published on:
08 Dec 2023 11:53 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
