public welfare: जयपुर। राज्य सरकार ने विकास कार्यों की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब टेंडर प्रक्रिया के बाद प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के लिए वित्त विभाग को दोबारा प्रस्ताव भेजने की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है। इस नई व्यवस्था के लागू होने से विकास कार्यों को समयबद्ध और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा सकेगा।
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लागू की गई व्यवस्था में कार्यकारी विभाग को पहले कार्य की सैद्धांतिक स्वीकृति मिलती थी, और फिर प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के लिए दोबारा फाइल भेजनी पड़ती थी। इससे 15 से 30 दिन तक की अनावश्यक देरी होती थी, जिससे लागत भी बढ़ती थी और जनता को समय पर लाभ नहीं मिल पाता था।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर अब यह दोहरी प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। नई व्यवस्था के तहत, वित्त विभाग द्वारा एक बार प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद कार्यकारी विभाग सीधे कार्यादेश जारी कर सकेंगे। वे संबंधित राशि को स्वयं पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे, जिससे प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी।
यह निर्णय प्रदेश में पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त और त्वरित सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल विकास कार्यों में गति आएगी, बल्कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी आमजन तक शीघ्र पहुंचेगा।
Published on:
06 Jul 2025 10:16 pm