
जैसलमेर के बाड़मेर मार्ग पर खसरा नंबर 478 की 11 बीघा नगरपरिषद की जमीन पर फिर से कब्जा करने का प्रयास किए जाने से शुक्रवार को विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। शुक्रवार को इस जमीन की मौका रिपोर्ट करने के लिए वक्फ न्यायाधिकरण जयपुर की ओर से नियुक्त किए गए मौका कमिश्रर का आगमन पूर्व निर्धारित था। उससे पहले गुरु-शुक्रवार मध्यरात्रि को उक्त जमीन पर नगरपरिषद की सम्पत्ति संबंधी बोर्ड को हटाया गया और पत्थर गाड़ दिए और कई जगहों पर जिला वक्फ बोर्ड के बोर्ड लगा दिए गए।
परिषद आयुक्त लजपालसिंह सोढ़ा ने बताया कि इसकी जानकारी मिलने पर नगरपरिषद के दस्ते ने शुक्रवार सुबह ही वक्फ बोर्ड के बोर्ड और पत्थर हटा दिए। जिला वक्फ बोर्ड के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है। बीती रात जो भी कार्रवाई की गई, उसके सीसीटीवी फुटेज हमारे पास हैं। गौरतलब है कि यह करोड़ों रुपए की 11 बीघा जमीन का मामला है, जिसे गत वर्ष 9 अक्टूबर को नगरपरिषद ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अतिक्रमणमुक्त करवाया था।
शुक्रवार को अतिक्रमण किए जाने की कोशिश और वक्फ न्यायाधिकरण जयपुर की ओर से नियुक्त कमिश्रर राजेश विजयवर्गीय के दौरे के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन का अमला भी मौके पर पहुंचा। परिषद आयुक्त लजपालसिंह की कमिश्रर विजयवर्गीय से बहस भी हुई। इस मौके पर जिला वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष नवाबुद्दीन भाटी सहित अन्य कई लोग मौजूद थे। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का जाब्ता बड़ी तादाद में उपस्थित था।
आयुक्त लजपालसिंह ने बताया कि वक्फ न्यायाधिकरण की ओर से नियुक्त मौका कमिश्रर को जैसलमेर तहसीलदार की उपस्थिति में रिपोर्ट करनी थी, लेकिन उन्होंने एकतरफा रिपोर्ट की। जिस पर हमारी ओर से दस्तखत नहीं किए गए। आयुक्त ने बताया कि उक्त जमीन पर एक तरफ की चारदीवारी बनाने का काम बाकी है। न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि जब तक मौका कमिश्रर की रिपोर्ट पेश नहीं हो जाती, यथास्थिति रखी जाए। आयुक्त के अनुसार यह जमीन नगरपरिषद के स्वामित्व वाली ही है।
Published on:
19 Dec 2025 08:57 pm
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