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जैसलमेर

नहर के पास दावानल का कहर, जिम्मेदारों पर अब तक नहीं असर

जैसलमेर जिले के मदासर गांव के पास वन पट्टी में सोमवार व मंगलवार को लगी आग की घटनाओं में नष्ट हुई वन संपदा व हांफते संसाधनों के बीच एक बार नहरी क्षेत्र के समीप गांवों में दमकल की सुविधा नहीं होने की निराशाजनक स्थिति उजागर हो चुकी है। पाक सीमा से सटे सरहदी जिले के नहरी व वन्य क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में दावानल भडकऩे की घटनाएं सामने आ रही है।

जैसलमेरMay 01, 2024 / 08:05 pm

Deepak Vyas

jaisalmer news
जैसलमेर जिले के मदासर गांव के पास वन पट्टी में सोमवार व मंगलवार को लगी आग की घटनाओं में नष्ट हुई वन संपदा व हांफते संसाधनों के बीच एक बार नहरी क्षेत्र के समीप गांवों में दमकल की सुविधा नहीं होने की निराशाजनक स्थिति उजागर हो चुकी है। पाक सीमा से सटे सरहदी जिले के नहरी व वन्य क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में दावानल भडकऩे की घटनाएं सामने आ रही है। अब तक दर्जनों हादसे सामने आ चुके हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में दमकल की व्यवस्था करने में जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है। गौरतलब है कि विषम भौगोलिक क्षेत्रफल वाले सरहदी जैसलमेर जिले में आग पर काबू पाने के साधनों की कमी से स्थिति कोढ़ में खाज जैसी हो रही है। विगत वर्षों में गर्मी के दिनों में दावानल भडकऩे से बड़ी मात्रा में वन संपदा नष्ट हो चुकी है। हकीकत यह भी है कि नहरी क्षेत्र में दमकल नहीं होने से कई बार जिला मुख्यालय या फिर पोकरण से दमकल मंगवाई जाती है, लेकिन जब तक ये पहुंचती है, तब तक बड़ी मात्रा में वन स पदा आग की भेंट चढ़ जाती है।
नाचना . पंचायत समिति नाचना क्षेत्र में 20 ग्राम पंचायत व 78 गांव आते हुए भी दमकल की सुविधा नहीं है। इंदिरा गांधी नहर के पास सैकड़ों बीघा में नर्सरी है, जिसमें लाखों की संख्या में पेड़-पौधे लगे हैं। शॉर्ट सर्किट होने या अन्य कारण से हर वर्ष आग लगने की घटनाएं होती रहती है। नहरी क्षेत्र होने के कारण किसानों के खेतों में आगजनी की घटनाएं होती रहती हैं और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। नाचना क्षेत्रवासी लंबे समय से दमकल की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से दमकल को अंतिम छोर 120 किमी नाचना गांव तक पहुंचने में 4 घंटे का समय लगता है, वहीं तहसील पोकरण से 80 किमी दूर से दमकल बुलानी पड़ती है। जब दमकल पहुंचती है तब तक अधिकांश वन संपदा जलकर राख हो जाता है। दावानल या आग लगने की घटनाएं होने पर ग्रामीणों के सहयोग व सेना के जवान पानी के टैंकर लाकर आग पर काबू पाने का प्रयास करते हैं।मोहनगढ़ निसं- क्षेत्र में दमकल के नहीं होने से 65 किमी दूर जिला मुख्यालय से दमकल को बुलाया जाता है। जिला मुख्यालय से दमकल मोहनगढ पहुंचती है, तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका होता है। ग्रामीण अपने स्तर पर ही आग पर काबू पाने का प्रयास करते है। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण दावानल भडकऩे या आग लगने की घटनाओं में काफी नुकसान हो रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि 128वीं पैदल वाहिनी (प्रा.से.) पर्यावरण राजरिफ, आर्मी के अधिकारियों व जवानों, पुलिस प्रशासन आदि के सहयोग से आग पर काबू पाया जाता है। जब तक जिला मुख्यालय से दमकल पहुंचती है, तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है। गौरतलब है कि मोहनगढ़ क्षेत्र लम्बा चौड़ा है, वहीं नहर के समीप होने के कारण यहां आग लगने की घटनाएं भी सामने आती रहती है।

फैक्ट फाइल

-120 किलोमीटर जैसलमेर जिला मुख्यालय से दूर है नाचना

-80 किलोमीटर दूरी पोकरण उपखंड मुख्यालय से है नाचना की-4 घंटे में जैसलमेर और 2 घंटे में पोकरण से पहुंचती है दमकल
-65 किलोमीटर जिला मुख्यालय से दूरी है मोहनगढ़ क्षेत्र की

स्थिति जस की तस

नाचना क्षेत्र के चारों ओर वन भूमि है। आग लगने की घटना हर साल होती रहती है। ग्रामीणों के सहयोग और पानी के टैंकरों से आग बुझाई जाती है। कस्बे में दमकल की सुविधा का लंबे समय से इंतजार बना हुआ है।
-नगसिंह राड, ग्रामीण, नाचना

आज तक नहीं मिली सुविधा

नाचना क्षेत्र में दमकल की दरकार है। कस्बे के चारों तरफ वन भूमि है व हजारों की संख्या में पेड़ लगे हुए हैं। हर साल वन भूमि में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है, लेकिन दमकल की सुविधा आज तक मुहैया नहीं करवाई गई है।
-तेजल सोनी, सरपंच ग्राम पंचायत नाचना।

प्रयास करेंगेअग्निकांड होने की स्थिति में ग्रामीणों, सेना, पुलिस आदि के सहयोग से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जाता है। जिला प्रशासन को मोहनगढ़ में दमकल उपलब्ध करवाने के लिए लिखा जाएगा।            
– सुखराम विश्नोई, विकास अधिकारी, पंचायत समिति मोहनगढ़

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