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जैसलमेर

रेगिस्तान में हुई अंगारों की बारिश तो 33 वर्ष बाद टूटेगा रिकार्ड

सरहद से सटे रेगिस्तानी जिले में भीषण गर्मी के आगे मानो सारे साधन-संसाधन हांफ ही जाते हैं। मरुस्थलीय भूभाग में वैसे तो हर साल प्रचंड गर्मी पड़ती है, लेकिन इस बार आसमान से मानो अंगारे ही बरसने लगे हैं। जिले के सीमांत क्षेत्र में तापमान कई बार 50 डिग्री के आंकड़े को छू जाता है।

जैसलमेरMay 07, 2024 / 08:30 pm

Deepak Vyas

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सरहद से सटे रेगिस्तानी जिले में भीषण गर्मी के आगे मानो सारे साधन-संसाधन हांफ ही जाते हैं। मरुस्थलीय भूभाग में वैसे तो हर साल प्रचंड गर्मी पड़ती है, लेकिन इस बार आसमान से मानो अंगारे ही बरसने लगे हैं। जिले के सीमांत क्षेत्र में तापमान कई बार 50 डिग्री के आंकड़े को छू जाता है। हालांकि मौसम विभाग के रिकॉर्ड में इसे दर्ज नहीं किया जाता। जैसाण में इन दिनों सूर्यदेव के कुपित होने से तापमान 40 के आसपास है, लेकिन शुरूआती दिनों में सूर्यदेव के तेवरों को देखकर आगामी महीनों में गर्मी के रिकार्ड टूटने के आसार दिखाई दे रहे हैं। सर्दी हो या गर्मी पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर जिले को आमतौर पर शीतल रातों के लिए पहचाना जाता है, लेकिन इन दिनों रातें भी गर्म हो चली हैं। गत अप्रेल माह में ही जैसलमेर में अधिकतम तापमान 43 डिग्री के आंकड़े तक पहुंच गया है, जबकि सरहदी जिले के मई-जून माह सर्वाधिक गर्म दिनों के लिए पहचाने जाते हैं। ऐसे में यदि आंधियां नहीं चली तो आगामी मई-जून महीने में पारे की बढ़ती चाल करीब 33 वर्ष पुराने और अब तक की सर्वाधिक गर्मी के रिकॉर्ड को तोडऩे को आतुर दिख रही है। विभाग के रिकॉर्ड में आज भी 3 जून, 1991 का दिन सबसे गर्म दिन के तौर पर दर्ज है, तब तापमान 49.2 डिग्री तक पहुंच गया था।

1991, 1992 व 2011 में बरसे थे अंगारे

-मरुस्थलीय जैसलमेर जिले में 3 जून 1991 को सूर्यदेव ने सबसे ज्यादा कोप दिखाया था। इस दौरान तब तापमान 49.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। उस दिन जिले में गर्मी के प्रकोप से कई लोगों की जान तक चली गई थी। वर्ष 1991 के बाद 7 जून 2011 में सर्वाधिक तापमान 48 .7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अब तक का दूसरा सर्वाधिक तापमान रहा। ऐसे ही 19 जून 1992 में तीसरा सर्वाधिक तापमान 48 .1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

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