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जैसलमेर

श्रद्धा से मनाया सिखों के पांचवें गुरु अर्जुनदेव का शहीदी दिवस

सिक्खों के पांचवें गुरु अर्जुनदेव महाराज का शहीदी दिवस सोमवार को कस्बे में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस मौके पर कस्बे के गुरुद्वारा दमदमा साहेब के कारसेवकों ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उन्हेंं याद किया।

जैसलमेरJun 10, 2024 / 07:40 pm

Deepak Vyas

jaisalmer
सिक्खों के पांचवें गुरु अर्जुनदेव महाराज का शहीदी दिवस सोमवार को कस्बे में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस मौके पर कस्बे के गुरुद्वारा दमदमा साहेब के कारसेवकों ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उन्हेंं याद किया। गुरु के शहीद दिवस के मौके पर गुरुद्वारा दमदमा साहेब में दिन भर विशेष पूजा-अर्चना की गई। सुबह सुखवाणी का पाठ किया गया और गुरु ग्रंथ साहेब की पूजा-अर्चना कर अर्जुनदेव की ओर से समाज, धर्म व मानवता की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी एवं गुरु के बताए मार्गों पर चलकर समाज व राष्ट्र की रक्षा के लिए त्याग की भावना रखने का आह्वान किया। गुरुद्वारे के मुख्य सेवादार निछतरसिंह ने बताया कि साध संगत की ओर से शब्द कीर्तन किया गया और सिक्ख समाज को हमेशा गुरु अर्जुनदेव के आदर्शों पर चलकर धर्म व राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने का आह्वान किया।

मुख्य चौराहे पर शरबत व प्रसाद का वितरण

इस मौके पर सिख समाज की ओर से कस्बे के जयनारायण व्यास सर्किल पर सोमवार को दिन भर सेवा केन्द्र लगाकर यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति, वाहन चालक व राहगीर को रोककर व आग्रह कर शरबत पिलाया गया और प्रसाद के रूप में चने का वितरण किया गया, जिसमें कारसेवकों ने दिनभर सेवा कार्य किया। विशेष रूप से सेना व बीएसएफ के जवानों ने भी यहां कार सेवा की और लोगों को मनुहार कर शरबत पिलाया व चने के प्रसाद का वितरण किया।

धर्म की रक्षा के लिए गुरु ने दिया बलिदान

सेवादार निछतरसिंह ने बताया कि सिखों के पांचवें गुरु संत अर्जुनदेव महाराज का जन्म 1563 ई. में हुआ। उन्होंने अपना बचपन पंजाब के गोविंदवाल शहर में बिताया और 11 वर्ष की अल्पायु में ही उन्होंने धर्म, शास्त्रों की पढ़ाई शुरू की एवं सिख समाज की सेवा में लग गए। 1581 में उन्हें गुरु गद्दी पर बिठाया गया। उन्होंने सिक्ख समाज के सिद्धांत व आदर्शों का प्रचार प्रसार किया। सिक्ख समाज की ओर से उनके बलिदान को याद करते हुए इस दिन को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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