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Rajasthan Assembly Election 2023 : चुनावी सीजन में सरहद से सटे जैसलमेर जिले पर अवैध शराब का कारोबार चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि पुलिस की कड़ी निगरानी के बीच अमूमन हर दिन अवैध शराब पकड़ी जा रही है, लेकिन वृहद क्षेत्र और साधन-संसाधनों की सीमितता के बीच पुलिस को भ्रमित करने में शराब तस्कर कई बार सफल हो जाते हैं। चुनाव के दौरान भारी मात्रा में अवैध से शराब पहुंचने का दौर चलने की आशंका है।
पुलिस भी अभियान चलाकर शराब तस्करों को चंगुल में ले रही है। अब तक सामने आए मामलों में यह बात सामने आई है कि एसकोर्टिंग वाहन ट्रक के आगे-आगे चलकर पुलिस की लोकेशन से ट्रक संचालकों को अवगत करवाते रहते हैं। नहरी क्षेत्र के रास्ते बड़ी संख्या में ट्रकों व अन्य साधनों के माध्यम से शराब की तस्करी की जाती हैं। कभी-कभार पुलिस की रात्रि गश्त या नाकेबंदी में शराब की खेप पकड़ी जाती है, लेकिन अधिकतर पुलिस की दूरी व संसाधनों की कमी का फायदा उठाने में कामयाब हो जाते हैं।
इसलिए बढ़ रही हिमाकत: सड़कें अच्छी होने से शराब परिवहन करने वाले वाहन फर्राटे से दौड़ते हैं और रास्ते में थानों की आपस की दूरियां अधिक होने का भी तस्करों को लाभ मिल जाता है। सरहदी क्षेत्रों में नहर आने के बाद सडक़, बिजली जैसी सुविधाओं में इजाफा हुआ है, जो दुर्भाग्य से यह सुविधाएं तस्करों के काम को आसान बना रही है। सूत्र बताते हैं कि गुजरात में शराब के तलबगारों को दिल्ली, जयपुर-उदयपुर निर्मित शराब की बजाय पंजाब, हरियाणा निर्मित शराब ज्यादा पसंद की जाती है। तस्कर पंजाब- हरियाणा से टर्बो में भरकर अवैध शराब गंगानगर, बीकानेर, फलौदी, पोकरण, सांकड़ा, फलसूंड के रास्ते से बाड़मेर जिले से सांचौर होते हुए गुजरात सीमा में प्रवेश कर जाते हैं।
यहां तस्करों के लिए आसान रास्ता : नोख थाना भी अपने थाना क्षेत्र के एक तरफ जोधपुर जिले की सीमा के पास सबसे अंतिम छोर पर स्थित हैं। बीकानेर के बज्जू थाना से जैसलमेर के नाचना पुलिस थाने तक लगभग 125 किमी की दूरी तक पुलिस थाना तो दूर पुलिस चौकी तक नहीं हैं। ऐसे में पंजाब, हरियाणा सहित राजस्थान के सूरतगढ़ व आसपास के क्षेत्र से बाड़मेर के रास्ते गुजरात तक शराब तस्करी के लिए यह क्षेत्र तस्करों के लिए सबसे आसान रास्ता बना हुआ हैं।
Published on:
31 Oct 2023 02:44 pm
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