मोहनगढ क्षेत्र में लगाए 1.87 करोड़ पौधे
128वीं पैदल वाहिनी (प्रा.से.) पर्यावरण राज रिफ कमान अधिकारी कर्नल करणीसिंह देशपांडे के अनुसार बटालियन की स्थापना एक सितम्बर 1983 में हुई थी। यह प्रादेशिक सेना का अंग है तथा भारतीय सैन्य सेवा के अधीन कार्यरत है। वाहिनी 1983 से इंदिरा गांधी नहर क्षेत्र में पौधरोपण का कार्य कर रही है, जिसने वर्ष 1983 से 1997 तक बीकानेर जिले के अमरसिंहपुरा क्षेत्र में कार्य किया। यहां 10,870 हैक्टेयर भूमि में 1 करोड़ 10 लाख 10 हजार पौधे रोपे गए। उसके बाद 1997 में श्रीमोहनगढ़ क्षेत्र में कार्य शुरू किया गया। वाहिनी के प्रयासों से रेतीले धारों पर भी अब हरियाली नजर आ रही है। वर्ष 1997 से लेकर अब तक बटालियन ने 20,989 हैक्टेयर भूमि पर 1 करोड़ 93 लाख 11 हजार पौधों का रोपण किया जा चुका है। अब तक क्षेत्र को हरा भरा करने के बाद ग्राम पंचायत मोहनगढ को 6509 हैक्टेयर पौधरोपण की हुई जमीन सुपुर्द की जा चुकी है। बारिश होते ही पौधारोपण का कार्य शुरू कर दिया जाता है। 128वीं पैदल वाहिनी (प्रा.से.) पर्यावरण राज रिफ हर वर्ष 600 हैक्टेयर में छःलाख पौधों का रोपण करती है। इसके अलावा 6 लाख पौधों के बीज बनाकर छिड़काव किया जाता है। जिसमें रोहिड़ा, खेजडी, बेर सहित अन्य कई प्रकार के पौधों का बीज शामिल है। वाहिनी की ओर से 3 लाख बैटीवर घास नहर के किनारे लगाने का कार्य भी किया जा रहा है।
अलग-अलग स्थानों पर पौधरोपण
128वीं पैदल वाहिनी (प्रासे.) पर्यावरण राजरिफ पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण के साथ वन्य जीव संरक्षण का कार्य भी कर रही है। बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल प्रतुल थपलियाल का कहना है कि जिले में बटालियन की तीन कंपनियां अलग अलग स्थानों पर क्षेत्र को हरा भरा बनाने का कार्य कर रही है। जिसमें ए कंपनी मोहनगढ़ क्षेत्र में पनोधर राय मंदिर क्षेत्र में कार्य कर रही है। बी कंपनी जैसलमेर मिलिट्री स्टेशन में पौधरोपण कार्य कर रही है। सी कंपनी राष्ट्रीय मरू उद्यान के सम क्षेत्र में पौधरोपण, सेवण घास रोपण के साथ साथ गोडावण व वन्य जीव संरक्षण का कार्य भी कर रही है। बटालियन ने वर्ष 2023-24 में 600 हैक्टेयरमें छः लाख पौधों का रोपण किया। साथ ही 8,20,000 रोहिड़ा, खेजड़ी, कुम्बट, बेरी आदि के बीज कनाकर वूक्षारोपण क्षेत्र में छिड़काव किया। इसके अलावा चार लाख वेटिवर घास नहर किनारे लगाया गया।
जन- जागरुकता: पर्यावरण व जल चेतना के कार्य
128वीं पैदल वाहिनी (प्रा.से.) पर्यावरण राजरिफ जहां क्षेत्र को हरा भरा बना रही है, वहीं सामाजिक सरोकारिता के कार्य भी करती है। इस संबंध में बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल प्रतुल थपलियाल का कहना है कि ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए जल चेतना यात्रा का आयोजन किया जाता है।
यह मिले पुरस्कार
-इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्षमित्र पुरस्कार 1989-निसर्ग मित्र पुरस्कार 1999-2000 – 2000-01 के लिए महाराणा उदय सिंह मेवाड़ पुरस्कार-महारानी मरूधर कंवर पुरस्कार 2002-03 -पर्यावरण संतुलन एवं मरू सुधार विषेष पुरस्कार 2003- स्वतंत्रता दिवस 2008 को राज्य स्तरीय प्रशंसा पत्र -स्वतंत्रता दिवस 2008 को जिला स्तरीय प्रशंसा पत्र- इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार 2011 -गणतंत्र दिवस 2016 को जिला स्तरीय प्रशंसा पत्र-गणतंत्र दिवस 2020 राज्य स्तरीय प्रशस्ति पत्र -फतेहसिंह राठौड वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन रणथम्भौर अवार्ड 2020