पाकिस्तान के साथ तनाव के बाद सीजफायर हो जाने के बावजूद स्वर्णनगरी में जिला प्रशासन की ओर से रविवार सायं 7.30 बजे से ब्लैकआउट घोषित किया गया था।
पाकिस्तान के साथ तनाव के बाद सीजफायर हो जाने के बावजूद स्वर्णनगरी में जिला प्रशासन की ओर से रविवार सायं 7.30 बजे से ब्लैकआउट घोषित किया गया था। यह अवधि सोमवार प्रात: 6 बजे समाप्त हुई। उसके बाद से शहर में सारी गतिविधियां पुन: सामान्य रूप से संचालित होती नजर आई। प्रात:कालीन भ्रमण पर लोग हमेशा की भांति निकले। सुबह जल्दी काम पर जुटने वाले सडक़ों पर नजर आए। चाय-नाश्ते की थडिय़ों व ठेलों पर रोजमर्रा जैसा आलम दिखा। सुबह 10 बजे तक शहर की सडक़ों पर यातायात में इजाफा हो गया और बाजारों में धीरे-धीरे आम दिनों के जैसी भीड़भाड़ नजर आई। सोमवार को ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी अच्छी संख्या में शहर पहुंचे और अपनी जरूरत के सामान की खरीदारी की व जरूरी कामों को निपटाया। उनका कहना था कि अगर फिर से ब्लैकआउट या कोई प्रशासनिक आदेश आता है तो उसकी पालना के लिए घर में आवश्यक सामान रखना उचित लगा, इसलिए शहर आए।
इससे पहले रविवार शाम 7.30 बजे से एहतियात के तौर पर प्रशासन की ओर से लागू किए गए ब्लैकआउट के दरम्यान शहरवासी पूरे तौर पर घरों में रहे। उन्होंने न्यूनतम प्रकाश का उपयोग किया। साथ-साथ बैठे और आपस में विचार विमर्श करते हुए समय बिताया। उन्होंने टीवी पर समाचारों का प्रसारण भी देखा और इस पर चर्चा की। कई जनों ने कहा कि यह ब्लैकआउट उन्हें कोरोना महामारी के दौरान होने वाले लॉकडाउन की याद दिला रहा है। इसका उपयोग वे साथ-साथ रह कर रहे हैं। बच्चे व युवा साथ बैठ कर मोबाइल गेम्स के साथ कैरम, ताश आदि से मनोरंजन कर रहे हैं। जहां तक शहर की सडक़ों व गलियों का सवाल है, ब्लैकआउट में पूरी तरह से अंधकार छाया रहा। यह लगातार चौथी रात थी, जब सडक़ें सुनसान हो गई और रात की रौनक कहीं नजर नहीं आई।
जैसलमेर में बीते दिनों से स्कूलों सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां जारी हैं। प्रशासन ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए यह निर्णय लिया था। इस दौरान समान स्कूल परीक्षाएं और विश्वविद्यालयी परीक्षाओं का आयोजन भी स्थगित किया गया है।