जैसलमेर

पानी के लिए त्राहि-त्राहि… कहीं 4 से 6 दिन तो 8 से 10 दिन में एक बार आपूर्ति

भीषण गर्मी का दौर बीत चुका है, न तेज अंधड़ है और न ही बारिश का कोई असर, फिर भी शहर की जलापूर्ति व्यवस्था पिछले पखवाड़े से डगमगाई हुई है।

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Aug 13, 2025

भीषण गर्मी का दौर बीत चुका है, न तेज अंधड़ है और न ही बारिश का कोई असर, फिर भी शहर की जलापूर्ति व्यवस्था पिछले पखवाड़े से डगमगाई हुई है। कई मोहल्लों में 4 से 6 दिन और कुछ जगहों पर 8 से 10 दिन में एक बार ही पानी आ रहा है। पानी की कमी से परेशान लोगों का आक्रोश शहर में ज्यादा दिख रहा है, लेकिन हालात नहीं बदले तो यह विरोध सडक़ पर भी उतर सकता है। जैसलमेर को पानी की आपूर्ति बाड़मेर लिफ्ट परियोजना के मोहनगढ़ हेडवक्र्स से होती है, लेकिन यहां पिछले पंद्रह दिनों में बार-बार बिजली कटौती और वॉल्टेज कम होने से जल उत्पादन 30 से 50 प्रतिशत तक घट गया है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने इस समस्या को दूर करने के लिए विद्युत निगम को पत्र लिखकर अवगत कराया, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकला।

तंग गलियों में और भी कठिनाई

शहर में कई तंग गलियां और मोहल्ले ऐसे हैं, जहां टैंकर नहीं पहुंच सकते। यहां रहने वाले लोग जरिकेन में पानी भरकर घर तक लाने को मजबूर हैं। हाल में जहां सप्लाई हुई, वहां पानी में मिट्टी की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि लोग पीने से कतराने लगे, लेकिन मजबूरी में वही पानी इस्तेमाल करना पड़ा।

विभागों के दावों में फर्क

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुताबिक 1 अगस्त से 11 अगस्त के बीच 72 घंटे तक हेडवक्र्स पर बिजली गुल रही या वॉल्टेज बहुत कम रहा। डेडिकेटेड फीडर होने के बावजूद सप्लाई ठप रही। दूसरी ओर, विद्युत निगम का कहना है कि हेडवक्र्स को निर्बाध आपूर्ति दी जा रही है और वॉल्टेज की समस्या ग्रिड स्तर पर है। गत 11 अगस्त को मोहनगढ़ हेडवक्र्स को 132 केवी जीएसएस से जोड़ा गया, लेकिन इसके बाद भी जल उत्पादन में सुधार नहीं हुआ। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता कैलाशचंद मीणा और सहायक अभियंता गोपालसिंह मीणा मौके पर मौजूद रहे और बताया कि विद्युत व्यवधान की वजह से जल उत्पादन में लगातार कमी बनी हुई है। इस संबंध में डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता बीआर चौधरी ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि डिस्कॉम की ओर से मोहनगढ़ हेडवक्र्स पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा रही है। वॉल्टेज आदि की समस्या ग्रिड से संबंधित है।

करें तो करें क्या

आठ दिन से पानी नहीं आया। टैंकर भी गली में नहीं घुस पाता। रोज दूर से पानी ढोकर ला रहे हैं। यही मजबूरी है।

-सलीम खान, स्थानीय निवासी, जैसलमेर

मजबूरी है क्या करें

हर हफ्ते करीब 800-1000 रुपए टैंकर पर खर्च हो रहे हैं। आमदनी का बड़ा हिस्सा पानी पर ही जा रहा है।

- रतनलाल सारण, स्थानीय निवासी

चाहिए बस समाधान

पानी की कमी से सब परेशान हैं, लेकिन विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। हमें समाधान चाहिए।

-रतनलाल देवासी, स्थानीय निवासी

Published on:
13 Aug 2025 11:44 pm
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