धार्मिक नगरी रामदेवरा के रूणिचा कुआं रोड पर बना रेलवे अंडरपास 85 के दोनों ओर प्रवेश द्वार पर लोहे के भारी भरकम पोल का एक हिस्सा पिछले एक साल से हवा में झूल रहा है।
धार्मिक नगरी रामदेवरा के रूणिचा कुआं रोड पर बना रेलवे अंडरपास 85 के दोनों ओर प्रवेश द्वार पर लोहे के भारी भरकम पोल का एक हिस्सा पिछले एक साल से हवा में झूल रहा है। बावजूद इसके पोल को सही करने की तरफ जिम्मेदार गंभीर नहीं है। जानकारी के अनुसार गत साल मानसून की लगातार बरसात से नदी की टूटी आड से तेज बहते बरसाती पानी ने रेलवे अंडरपास - 85 के रूणिचा कुआं की तरफ लगे भारी भरकम गेट के एक पोल के नीचे से रेत को बहा दिया। ऐसे में भारी भरकम पोल हवा में ही झूल गया। हवा में झूलते पोल को दुरुस्त करने को लेकर किसी का ध्यान नहीं गया है।
यह पोल अंडरपास के दोनों ओर से आने वाले वाहनों को एक निश्चित सीमा तक ही प्रवेश करने की अनुमति देते हैं, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके। लोहे के पोल अंडरपास में प्रवेश करने वाले वाहनों की गति को नियंत्रित करते हैं। खासकर उन अंडरपास में जहाँ से सडक़ गोलाई में जाती है और सामने से आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते। भारी भरकम पोल ओवरलोड वाहनों को अंडरपास में प्रवेश करने से रोकते हैं। जिससे अंडरपास को नुकसान होने से बचाया जा सकता है और दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकता है।