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आतंकवादी घोषित होते ही खालिस्तान के नाम पर भारत सरकार को धमकाने लगा गुरपतवंत सिंह पन्नू

फेसबुक पर लाइव होकर कहा- 4 जुलाई को ‘रेफरेंडम 20-20’ मुहिम के तहत अमेरिका में वोटिंग होगी 15 अगस्त को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया जाएगा, भारतीय सिस्टम को खत्म कर देंगे पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा- कोई सिख खालिस्तान नहीं चाहता, हरप्रीत सिंह का निजी फैसला

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Terrorist Gurpatwant Singh Pannu

Terrorist Gurpatwant Singh Pannu

जालंधर/अमृतसर। केंद्र सरकार की ओर से खालिस्तान के नाम पर विदेश में बैठकर युवा सिख पीढ़ी व सिखों को भड़काने वाले नौ लोगों को आतंकवादी घोषित किया है। इनमें अमेरिका के न्यूयार्क में निवासरत सिख फॉर जस्टिस के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू, पाकिस्तान में रह रहे बब्बर खालसा इंटरनेशनल के मुखी वधावा सिंह बब्बर, पाकिस्तान में रह रहे इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के मुखी लखबीर सिंह, पाकिस्तान में रह रहे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के मुखी रणजीत सिंह, खालिस्तान कमांडो फोर्स के मुखी परमजीत सिंह, पाकिस्तान में ही रह रहे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के मुखी गुरमीत सिंह बग्गा, इंग्लैंड में रह रहे बब्बर खालसा इंटरनेशनल के परमजीत सिंह, कनाडा में रह रहे खालिस्तान टाइगर फोर्स के हरदीप सिंह निज्जर के नाम शामिल हैं।

आतंकवादी का बड़बोलापन

केंद्र सरकार की ओर से आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर भारत सरकार को धमकी भरे वीडियो में कहा है- रेफरेंडम 20-20 (खालिस्तान बनाने के लिए चलाई जा रही मुहिम) पर काम कर रहे हैं। इसके तहत खालिस्तान को हर हालत में भारत से आजाद करवा कर रहेंगे। इसके लिए चाहे उसे कोई भी कदम उठाना पड़े । अगर भारत सरकार में दम है तो हमें पकड़ कर दिखाए। हम खालिस्तान बनाकर रहेंगे। भारतीय सिस्टम को खत्म कर देंगे। 4 जुलाई को ‘रेफरेंडम 20-20’ के लिए अमेरिका में वोटिंग होगी। इसके लिए हर सिख वोटिंग करेगा। 15 अगस्त को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया जाएगा। पन्नू यही नहीं रुका। उसने खालिस्तान के लिए हरियाणा के सिखों को भी अपनी ओर खींचने की कोशिश करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया। इसमें वह खालिस्तान के नाम पर हरियाणा के सिखों को अपने साथ जोड़ता दिखाई दिया।

क्या कहते हैं पंजाब के मुख्यमंत्री

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पन्नू को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पंजाब का कोई भी सिख या दुनिया में कोई भी सिख खालिस्तान नहीं चाहता। सिख भारत का अभिन्न अंग है और भारत का हिस्सा है। हम कभी नहीं चाहते कि कोई इसे हमसे अलग करें। रही बात अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिन्द सिंह लोंगोवाल की तो यह उनका निजी फैसला है, इसके लिए मैं कुछ नहीं बोल सकता।