scriptजवाई नदी में यहां हो रही मनमानी, जो भविष्य में जालोर वासियों को देगी दिक्कत | jawai river at jalore | Patrika News
जालोर

जवाई नदी में यहां हो रही मनमानी, जो भविष्य में जालोर वासियों को देगी दिक्कत

– रात के अंधेरे में जवाई नदी, सुकड़ी समेत अन्य नदियों के बहाव क्षेत्र से हो रहा बजरी का अवैध खनन और परिवहन

जालोरOct 20, 2019 / 10:05 am

Khushal Singh Bati

- रात के अंधेरे में जवाई नदी, सुकड़ी समेत अन्य नदियों के बहाव क्षेत्र से हो रहा बजरी का अवैध खनन और परिवहन

– रात के अंधेरे में जवाई नदी, सुकड़ी समेत अन्य नदियों के बहाव क्षेत्र से हो रहा बजरी का अवैध खनन और परिवहन

जालोर. जालोर की जीवनरेखा मानी जाने वाली जवाई नदी में बजरी का अवैध खनन इसके अस्तित्व पर खतरे का कारण बन सकते हंै। जालोर जिले में इस नदी में बड़े पैमाने पर खनन जारी है। रात के अंधेरे में इस नदी में डंपरों और ट्रेक्टरों में बजरी का परिवहन होता है। इस काम के लिए जेसीबी और लोडर का उपयोग किया जा रहा है। इन हालातों में हालात ऐसे हो चुके है कि जवाई नदी के बहाव क्षेत्रों में तल में 10 से 20 फीट गइराई तक गड्ढे हो चुके हैं। विभागीय स्तर पर हालांकि कार्रवाई का दौर जारी है, लेकिन उसके बाद भी खननकर्ता मौके का फायदा उठाकर रात के अंधेरे में नदी में बजरी की खुदाई और उसके बाद परिवहन करते हैं।
रोक के बाद हालात और भी बदले
शीर्ष न्यायालय की ओर से बजरी खनन पर रोक के बाद हालात काफी बदले, पहले इसके लिए चिह्नित स्थानें से बजरी का खनन हो रहा था, लेकिन अब प्रशासन, पुलिस की कार्रवाई से बचने को नदी के बहाव में उन स्थानों पर खनन हो रहा है, जहां कार्रवाई मुश्किल से हो सके। इन हालातों में संबंधित क्षेत्रों में नदी के बहाव क्षेत्रों में गहरे गड्ढे हो चुके हैं। बारिश के दिनों में इन गहरे गड्ढों से जहां पानी के बहाव में दिक्कत हो सकती है। वहीं पानी का भराव होने के बाद जन हानि का कारण भी ये गड्ढे बन सकते हैं।
7 स्थानों पर हो रहा था खनन
बजरी खनन पर रोक लगने से पूर्व जिले में खनिज विभाग के अंतर्गत 7 स्थानों पर इसका खनन और परिवहन हो रहा था, लेकिन अब यह पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
लगभग 200 किमी लंबी जवाई
जवाई नदी को जालोर की जीवनरेखा माना जाता है। जब भी इसमें लगे समय तक बहाव होता है तो किसानों को खासा फायदा होता है। पाली जिले के बाद यह जालोर जिले में सबसे पहले लावा सी, सेदरिया होते हुए आहोर, जालोर तक पहुंचती है। उसके बाद उम्मेदाबाद सायला होते हुए बागोड़ा, मोरसीम और उसके बाद गांधव, चितलवाना के पास से होते हुए कच्छ का रण तक पहुंचती है।
ये वे प्वाइंट जहां कार्रवाई जरुरी
खनिज विभाग की टीम की ओर से समय समय पर कार्रवाई की जा रही है। वहीं पुलिस की ओर से भी बजरी खनन पर नकेल कसने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अभी भी जवाई नदी के बहाव क्षेत्र में आहोर से पहले पचानवा जवाई नदी बहाव क्षेत्र, उम्मेदपुर, आहोर, भैंसवाड़ा, सांकरना, लेटा के निकट बजरी का खनन बदस्तूर जारी है। इसके बाद जालोर शहर के निकट रतनपुरा जवाई नदी, सामतीपुरा जवाई नदी, बादनवाड़ी जवाई नदी के अलावा पहाड़पुरा के निकट जवाई नदी में बड़े स्तर पर बजरी का अवैध रूप से खनन और उसका परिवहन किया जाता है। इन स्थानों पर पुलिस और खनन विभाग की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन ये नाकाफी है। क्योंकि संसाधनों और मैन पॉवर दोनों की कमी इनको झेलनी पड़ रही है।
यहां पर भी छलनी हो रही नदियां
जवाई नदी के बहाव क्षेत्र में जगह जगह बड़े गड्ढे है। उम्मेदाबार और सायला के निकट नदी में 15 से 20 फीट गहरे गड्ढे दिखाई दे जाते हैं। वहीं जिले की बात करें तो मोदरा के निकट सुकड़ी नदी के बहाव क्षेत्र में दिन रात बजरी का अवैध खनन होता है। अक्सर यहां डंपर जेसीबी की सहायता से भरने के बाद जरुरत के अनुसार पहुंचाए जाते हैं। इसी तरह भीनमाल के आस पास कोड़ी समेत अन्य नदी बहाव क्षेत्र में बड़े स्तर पर बजरी का खनन हो रहा है। खनिज विभाग की टीम करीब तीन माह पूर्व यहां कार्रवाई भी कर चुकी है। जहां बजरी के 5 डंपर पकड़े गए थे। इसके अलावा टीम बागोड़ा के आस पास भी कार्रवाई कर चुकी है। लेकिन ये नाकाफी है। मामले में खास बात यह है कि न्यायालय की ओर से अभी तक बजरी खनन के लिए रोक के बाद किसी तरह की नई गाइड लाइन जारी नहीं की गई है। दूसरी तरफ सभी निर्माण कार्यों तक बजरी का अवैध खनन करने के साथ इनका परिवहन जारी है।

Home / Jalore / जवाई नदी में यहां हो रही मनमानी, जो भविष्य में जालोर वासियों को देगी दिक्कत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो