
चितलवाना (जालोर). नेहड़ के गांवों में अतिवृष्टि और सुकड़ी व लुनी नदी में आई बाढ़ से क्षेत्र के गांवों में दर्जनभर सरकारी विद्यालय पानी में डूबे हुए है।
सरकारी विद्यालयों में जाने के लिए रास्ता भी चारों तरफ से बंद होने से शिक्षक भी स्कूल जा पा रहे हैं।कुछ स्कूलों में रेकर्ड भी पानी के साथ बह गया है। पंचायत समिति के दर्जनभर सरकारी विद्यालयों में सुकड़ी व लुनी नदी में आई बाढ़ के पानी से सरकारी स्कूले डूब जाने से बच्चों की पढ़ाई की बात तो दूर शिक्षक भी स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में बाढ़ का पानी आने के बाद से यह विद्यालय बंद हैं। वहीं भवन भी पुरा पानी में डुब चुका हैं। नेहड़ के सरकारी विद्यालयों में बाढ़ का पानी आने के बाद में स्कूल के भवन के साथ ही गांव के चारों ओर पानी भर जाने से रास्ते भी बंद है।
निकासी होने बाद ही खुलेगी स्कूल
नेहड़ में सुकड़ी व लुनी नदी के बाढ़ का पानी की निकासी होने के बाद भी स्कूल में भवन व रास्ते खुलने के बाद ही स्कूल का ताला भी खुलेगा।
ऐसे में बच्चों के रेकर्ड भी पानी के साथ बह जाने से कोई अता पता भी नहीं हैं।
यह स्कूलें भवन सहित डूबी
पंचायत समिति के नेहड़ के निम्बाऊ, खासरवी, केरिया, बगछड़ी, काछेला, केरिया, गलिफा, भाटवास, साकरियां, सुथड़ी, मेड़ा, मरटवा, रेबारियों का वास रामपुरा(ईटादा), जम्भेश्वर चौक गुडाहेमा सहित कई सरकारी विद्यालय भवन पानी से भरे पड़े है। कुछ विद्यालय तो पानी में डूब चुके है।
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