जम्मू नगर निगम म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 2000 की धारा 302 और 303 के तहत शहर के सभी ढाबा, रेस्टोरेंट्स और भोजनालयों के खिलाफ यह कार्यवाही अगले 15 दिनों में करेगा।
गौरतलब है कि जम्मू शहर में करीब 500 ढाबे, 200 रेस्टोरेंट्स और 300 भोजनालय हैं। सभी को नोटिस भेजा जारी करते हुए 15 दिन का समय दिया गया है। इस आदेश से वायु का स्तर कितना सुधरता है इसका अनुमान लगाना मुश्किल है परन्तु यदि इसे गंभीरता से लागू किया गया तो पारम्परिक कश्मीरी बेकरी जो लगभग 100 प्रकार की रोटियां और बस्कुट बनाती है के अस्तित्व पर चोट होगी। इस के साथ ही स्ट्रीट फूड से जुड़े लोगों के व्यवसाय पर भी इस निर्णय का असर पड़ेगा।
जम्मू में पंजाब के भांति नान कुलचा एक प्रमुख भोजन है। काम काजी समाज मुख्य तौर पर कुलचे से दोपहर का भोजन करते है। जबकि तंदूरी फिश, तंदूरी चिकन, तंदूरी मोमोस, क़बाब अदि बहुत पसंद किया जाता है, यह सभी गैस या बिजली से चलने वाली मशीनों से बनाना लगभग असंभव है।