10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किशनगंज में ऐसी दो छिपकलियां, जो बढ़ा देंगी आपकी मर्दानगी

 'गीको' की, जिसकी तस्करी कर लाया गया एक जोड़ा सोमवार को बिहार के किशनगंज में पकड़ा गया।

2 min read
Google source verification

image

Indresh Gupta

Jan 17, 2017

 jamui news, jamui news in hindi, bihar news, liza

jamui news, jamui news in hindi, bihar news, lizards, Kishanganj lizards, manhood

जमुई/भागलपुर। जिले के जंगलों में एक ऐसी छिपकली पाई जाती है, जिसकी कीमत कितनी हो सकती है? आप जानकर
हैरान रह जाएंगे। इस छिपकली की कीमत मर्सिडीज व बीएमडब्ल्यू कारों से भी अधिक है। इसका नाम है 'गीको' की, जिसका तस्करी कर लाया गया एक जोड़ा सोमवार को बिहार के किशनगंज में पकड़ा गया।

उसकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये आंकी गई है। जानकारी के अनुसार, 'गीको' एक दुर्लभ छिपकली है, जो ‘टॉक-के’ जैसी आवाज़ निकालने के कारण 'टॉके' भी कही जाती है। इसके मांस से नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाएं बनाई जाती हैं।

नपुंसकता के लिए भी है उपयोगी

इसका इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। खासकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी बेहद मांग है। चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में इसका उपयोग किया जाता है। यह कैंसर जैसे घातक बीमारी में भी लाभकारी है।

करोड़ों में बिकतीं ये छिपकलियां

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऐसी एक छिपकली की कीमत कम-से-कम 50 लाख रुपए है। यह छिपकली दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती है। जंगलों की निरंतर कटाई होने की वजह से यह ख़त्म होती जा रही है। सोमवार को किशनगंज में पकड़ी गईं ऐसी ही दो छिपकलियों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार तें डेढ़ करोड़ बताई जा रही है।

इस प्रजाति की दो छिपकलियों को दो तस्कर मेघालय से खरीदकर किशनगंज में बेचने वाले थे कि इसके पहले ही पकड़ लिए गए।

'गीको' छिपकलियों के साथ तस्कर गिरफ्तार

एसएसबी की 12वीं बटालियन, रेल पुलिस बल (आरपीएफ) व राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) की संयुक्त कार्रवाई में किशनगंज रेलवे स्टेशन परिसर से दो 'गीको' छिपकलियों के साथ असम के रहने वाले दो तस्करों अमीदुल अली व सोहर अली को पकड़ा।

छिपकलियां जूते के डिब्बे में थीं

तस्करों ने उन्हें मेघालय की एक महिला से दो हजार रुपसे में खरीदने की बात स्वीकारी है। किशनगंज में उन्हें 10 लाख रुपये में बेचा जाना था। बाद में छिपकलियों को चोरी-छिपे चीन भेजा जाना था, जहां उनकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये हो जाती। गिरफ्तार तस्करों व छिपकलियों को वन विभाग के सौंप दिया गया है।

ये भी पढ़ें

image