सुसाइट नोट में पत्नी को ठहराया मौत के जिम्मेदार
जेब से मिले सुसाइड नोट में रमेश ने अपनी पत्नि की प्रताडऩा से तंग आकर खुदकशी करने की बात लिखी है। युवक ने पत्नी पर आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी को केवल पैसा चाहिए था जबकि वह मात्र चार सौ रुपए कमाने वाला मजदूर हैं। इधर रमेश की पत्नी गायत्री ने पुलिस को बताया कि उसके पति के साथ उसका किसी प्रकार का विवाद नहीं था। पति ने फांसी क्यों लगाया उसे खुद कुछ समझ नहीं आ रहा। शिवरीनारायण पुलिस ने गायत्री का बयान दर्ज कर लिया है।
दो साल पहले किया था अंतरजातीय विवाह
रमेश कमाने खाने धनबाद गया हुआ था। वहां मोबाइल से रमेश का परिचय गायत्री नाम की एक युवती से हुआ। बात करते करते दोनों में प्रेम प्रसंग शुरू हो गया और दो साल पहले घरवालों को बिना बताए अंतरजातीय विवाह कर लिया। शादी के बाद रमेश ने दो महीने तक पत्नी को साथ रखा फिर उसके मायके छोड़ दिया जहां गायत्री ने एक बेटेे को जन्म दिया। इसके बाद रमेश सोनाखान में काम करने चला गया था अभी हाल में ही अपनी पत्नी को मायके से वहां लेकर गया था।
ठेकेदार की भूमिका संदिग्ध
रमेश घनश्याम साहू नाम के ठेकेदार के पास काम करता था जिसने सोनाखान जिला बलौदाबाजार में बन रहे एकलव्य भवन का ठेका लिया है। रमेश यहां सेंट्रिंग का करता था। परन्तु जिस तरह ठेकेदार ने संबंधित क्षेत्र के पुलिस को सूचना दिए बगैर पिकअप में शव को रखवा कर लड़के के घर तुस्मा भिजवा दिया जिससे घटना में ठेकेदार की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। उसने खुद को पुलिस के पचड़े से बचने के लिए ऐसा किया या वजह कुछ और है।
मेरे बेटे को भैया-भाभी को दे देना
रमेश ने अपने सुसाइट नोट में अपनी आखिरी इच्छा भी जाहिर की है कि वह अपने बेटे से बहुत प्यार करता है। मेरे जाने के बाद उसे भैया-भाभी को सौंप दिया। जिस तरह मैं जब 8 साल का था तो जिस तरह भैया-भाभी ने पाला, उसी तरह मेरे बेटे को भी कभी मां की कमी नहीं होने देगी। सुसाइड नोट में तिलेश नामक व्यक्ति का जिक्र करते हुए लिखा है कि मुझे जान से भी ज्यादा प्यार करने वाली तिलेश जिसकी वजह से मैं जी रहा हूं। तिलेश मेरे लिए अपने भाइयों से भी लड़ जाती थी। वहीं अपनी पत्नी को उसके मायके भेज देने की बात लिखी है ताकि वह किसी पैसे वाले से शादी कर सके। यही उसकी आखिरी इच्छा है।