महिला बाल विकास विभाग के 8 कर्मचारियों की बर्खास्तगी का आदेश निरस्त, हाई कोर्ट में दी थी चुनौती
क्योंकि पानी टंकी ही सूखी पड़ी है। टंकी को भरने कोई जलस्रोत ही नहीं है। पीएचई विभाग ने पाइप लाइन बिछाने और नल कनेक्शन लगाने के काम को पहले प्राथमिकता दी। पानी टंकी को कैसे भरेंगे इसको दरकिनार कर दिया। अब स्थिति यह है कि टंकी के लिए जल स्रोत ढूंढने के लिए एक के बाद एक नया बोर खनन कराया जा रहा है लेकिन हर बार बोर फेल हो रहा है। टंकी के पास दो नया बोर खनन कराया जा चुका है। लेकिन नतीजा कुछ हाथ नहीं आ रहा।रायपुर एयरपोर्ट को पूरे भारत में मिला पांचवा स्थान, 15 लाख यात्रियों का हो चूका आवागमन… 2023 के सर्वे के बाद मिला अवार्ड
इंजीनियर और एसडीओ नहीं उठा रहे फोन लाखों का काम होने के बाद भी पानी नहीं मिलने पर अब ग्रामीण की बातें गांव के पंच-सरपंच को आए दिन सुनना पड़ रहा है। सरपंच या सरपंच प्रतिनिधि के फोन तक पीएचई के अधिकारी-इंजीनियर नहीं उठा रहे। पत्रिका की टीम के सामने ही सरपंच प्रतिनिधि ने पहले इंजीनियर पवन अग्रवाल फिर एसडीओ जाटवर को फोन लगाया पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।