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परफॉर्मंस इम्प्रूवमेंट के नाम पर करोड़ों खर्च, फिर भी कालीसिंध थर्मल की परफॉर्मंेस जीरो

कालीसिंध थर्मल पहली व दूसरी इकाइयों में कई दिनों सें बिजली उत्पादन गड़बड़ाया हुआ है।

झालावाड़Dec 21, 2017 / 06:04 pm

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परफॉर्मंस इम्प्रूवमेंट के नाम पर करोड़ों खर्च, फिर भी कालीसिंध थर्मल की परफॉर्मंेस जीरो

झालावाड़. हाड़ौती के पहले सुपर क्रिटिकल कालीसिंध थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 600-600 मेगावाट क्षमता की पहली व दूसरी इकाइयों में कई दिनों सें बिजली उत्पादन गड़बड़ाया हुआ है। दूसरी यूनिट में करीब 20 दिन से आई तकनीकी खामी को थर्मल पावर प्लांट के इंजीनियर दूर करने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
आशानुरूप नहीं हो रहा उत्पादन-
थर्मल चलाने के नाम पर भले ही करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन बिजली उत्पादन आशानुरूप नहीं हो रहा है। जबकि इनसे 1200 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो सकता है। अभी कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की एक यूनिट से उत्पादन नहीं हो रहा है। इधर एनटीपीसी लिमिटेड कंसल्टेनसी के नाम पर विभागों के बड़े-बड़े दावे भी खोखले ही नजर आ रहे हैं। कंपनी को एक वर्ष में करीब 64 लाख रुपए परफॉर्मंेस इंम्प्रूवमेंट के दिए जा रहे हैं। ऐसे में २० दिन से एक यूनिट की परफोर्मंेस जीरो आने के बाद भी कंपनी व आला अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। आधुनिकतम तकनीक से बनाए गए प्लांट को इतने कम समय में ही कैसे खराबी आ गई है।
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ढ़ाई साल पहले ही शुरू हुआ था उत्पादन-
दूसरी यूनिट से वाणिज्यिक उत्पादन 25 जुलाई 2015 से शुरू हुआ था। ढाई साल में ही यूनिट में खराबी आना सवालिया निशान खड़े करता है। यहां दो माह से कभी प्लांट में कोयला खत्म हो जाता है। तो कभी कुछ ओर अभी20 दिन से दूसरी यूनिट बंद पड़ी है। बार-बार यूनिट में ट्यूब लीकेज होने से यहां के इंजीनियरों को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है। वहीं उच्चअधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दूसरी इकाई से करीब 140 लाख यूनिट का प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है। इसकी वजह से प्लांट का घाटा और बढ़ेगा। अभी तक करीब 2800 लाख यूनिट का नुकसान हो चुका है।
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दो करोड़ का करार-
एनटीपीसी कंपनी को कोटा , सूरतगढ़ व कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट सहित महीनेवार ऑपरेशन रिव्यू टीम का खर्चा तीनों का करीब २ करोड़ से अधिक है। इसमें से कालीसिंध यूनिट के करीब 5 लाख हजार रुपए प्रतिमाह दिया जा रहा है। इसके बाद भी यूनिट का इम्प्रवमेंट नहीं हो पा रहा है तो यूनिट का लीकेज भी सही नहीं हो पा रहा है।इस संबंध में थर्मल प्लांट के चीफ इंजीनियर डीपी वर्मा का कहना है कि अभी काम चल रहा है। कोई भी सिस्टम डेमेज हो जाता है। तो समय तो लगता है। अंदर बॉयलर के ट्यूब में वीकनेस आ गई थी। सही कर रहे हैं। कम से कम दो दिन का समय तो और लग जाएगा।
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आरयूवीएनएल के तकनीकी निदेशक एसएस मीणा से सीधी बात-
प्रश्न. 20 दिन से कालीसिंध थर्मल यूनिट की दूसरी इकाई का लीकेज सही नहीं हो पा रहा क्या कारण है।
उत्तर. थर्मल की ट्यूब में लीकेज हुआ है। वह इजी अप्रोच में नहीं है। तीन दिन में सही कर दिया जाएगा। जिस जोन में लीकेज है, वहां बाड़ा बांधने की जगह नहीं है।
प्रश्न. हर महीने लाखों रुपए एक कंपनी को दिए जा रहे है,फिर भी ऐसी स्थिति क्यों आ रही है।
उत्तर. टीम हर माह आती है अभी 26-28 दिसंबर को आएगी। कोई भी परेशानी होती है तो सुझाव लेते हैं। बीएचएल से बात हुई है, समय-समय पर ऑपीनियन लेते रहते हैं।
प्रश्न. अभी बिजली कहां से ले रहे हैं।
उत्तर. यह तो मुझे पता नहीं है,कोटा व सूरतगढ़ की सभी इकाइयां चल रही है। सूरतगढ़ की एक इकाई बंद है। ये तो मशीनें है कुछ भी परेशानी आ सकती है। सही कर रहे हैं।

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