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10 से 20 फीसदी उपज
संतरा उत्पादन के कारण क्षेत्र का छोटा नागपुर कहे जाने वाले जिले में कम वर्षा के कारण इस वर्ष संतरे का कम उत्पादन हुआ है। वहीं व्यापारियों के अनुसार गर्मी का 80-90 फीसदी उत्पादन कम होने की बता कही है। झालावाड़ उद्यान विभाग के सहायक निर्देशक कैलाश शर्मा ने बताया कि जिले के करीब 38 हजार हैक्टेयर बगीचों में से 13 हजार हैक्टर पौधे में ही फल की आवक है। संतरे की आकर की साइज छोटी दिखाई दे रही है। पानी की कमी की वजह से फल कम आया है। वही संतरे पर काली मस्सी का असर भी दिखाई दिया है। जिले सहित मप्र के कई शहरों व कस्बों में बड़ी मात्रा में संतरे का उत्पादन होता है। गुराडियाजोगा निवासी प्रधान सुल्तान सिंह चौहान, मालखेड़ा निवासी अर्जुन सिंह ने बताया कि इस वर्ष संतरे की आवक कम के साथ ही उसका आकर भी बहुत छोटा आया है। बारिश लगातार अच्छी हो जाती तो इस वर्ष संतरे की बंपर आवक होती।
10 से 20 फीसदी उपज
संतरा उत्पादन के कारण क्षेत्र का छोटा नागपुर कहे जाने वाले जिले में कम वर्षा के कारण इस वर्ष संतरे का कम उत्पादन हुआ है। वहीं व्यापारियों के अनुसार गर्मी का 80-90 फीसदी उत्पादन कम होने की बता कही है। झालावाड़ उद्यान विभाग के सहायक निर्देशक कैलाश शर्मा ने बताया कि जिले के करीब 38 हजार हैक्टेयर बगीचों में से 13 हजार हैक्टर पौधे में ही फल की आवक है। संतरे की आकर की साइज छोटी दिखाई दे रही है। पानी की कमी की वजह से फल कम आया है। वही संतरे पर काली मस्सी का असर भी दिखाई दिया है। जिले सहित मप्र के कई शहरों व कस्बों में बड़ी मात्रा में संतरे का उत्पादन होता है। गुराडियाजोगा निवासी प्रधान सुल्तान सिंह चौहान, मालखेड़ा निवासी अर्जुन सिंह ने बताया कि इस वर्ष संतरे की आवक कम के साथ ही उसका आकर भी बहुत छोटा आया है। बारिश लगातार अच्छी हो जाती तो इस वर्ष संतरे की बंपर आवक होती।
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एक साल मे दो फसल
संतरे मं वर्ष में दो बार फल आते हैं। पहले सर्दी में और दूसरी गर्मी के मौसम में, वहीं गर्मी की फसल मुख्य मानी जाती है और इस बार मुश्किल से 15 से 20 प्रतिशत ही आई है।
एक साल मे दो फसल
संतरे मं वर्ष में दो बार फल आते हैं। पहले सर्दी में और दूसरी गर्मी के मौसम में, वहीं गर्मी की फसल मुख्य मानी जाती है और इस बार मुश्किल से 15 से 20 प्रतिशत ही आई है।
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व्यापारी आना शुरू
गर्मी के संतरे के आने के साथ ही मंडी मे संतरा खरीद के लिए महाराष्ट्र, केरला, बंगाल, उत्तरप्रदेश, दिल्ल व जम्मू आदि स्थानों से व्यापारी मंडी में माल खरीदने के लिए आ चुके है। फरीद अहमद जुगनू ने बताया कि आवक कम होने के चलते व्यापरी की मांग के अनुसार माल नही दे पा रहे हैं।
व्यापारी आना शुरू
गर्मी के संतरे के आने के साथ ही मंडी मे संतरा खरीद के लिए महाराष्ट्र, केरला, बंगाल, उत्तरप्रदेश, दिल्ल व जम्मू आदि स्थानों से व्यापारी मंडी में माल खरीदने के लिए आ चुके है। फरीद अहमद जुगनू ने बताया कि आवक कम होने के चलते व्यापरी की मांग के अनुसार माल नही दे पा रहे हैं।