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झालावाड़

आ गया रसीला संतरा पर अभी इतरा रहा

भवानीमंडी के संतरे की दक्षिण भारत और बांग्लादेश में मांग तेज

झालावाड़Feb 19, 2021 / 11:04 pm

mukesh gour

आ गया रसीला संतरा पर अभी इतरा रहा

आ गया रसीला संतरा पर अभी इतरा रहा

भवानीमंडी. इस वर्ष संतरे की फसल कमजोर पड़ जाने की वजह से गर्मी के संतरे की आवक कम हुई है। कम आवक की वजह से शुरूआत में ही गर्मी के संतरे के भाव आसमान पर पहुुंच गए है। संतरा मंडी में प्रतिदिन करीब 15 सौ से 2000 मन संतरे की आवक आ रही है। भवानीमंडी के संतरे की कोलकाता बॉर्डर के साथ दक्षिण भारत और बांग्लादेश में खूब मांग बढ़ गई है। पर आवक कम होने की वजह से वहा की व्यापारियों की मांग पूरी नही हो पा रही है। संतरा व्यापारी गब्बर चौधरी ने बताया कि इस वर्ष संतरे की आवक कम है संतरा मंडी आने के साथ ही तुरन्त उस का उठाव हो रहा है। चौधरी ने बताया कि एक लाख 70 हजार भाड़े मे एक ट्रक संतरा बंाग्लादेश की बॉर्डर भेज रहे हैं। केरला 10 रु किलो व महाराष्ट्र 4 रु किलो का भाड़े मेंं एक संतरे की गाड़ी पहुंचाई जा रही हैै। आफताब चौधरी नीटू ने बताया कि इस वर्ष संतरा फल के भाव में ज्यादा उछाल है। संतरा थोक में 20 से 35 रुपए किलो बिक रहा है। गत वर्ष गर्मी के संतरे की आवक के साथ ही बाहर के व्यापारियों की मांग इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि टं्रासपोर्ट पर गाडिय़ां तक नहीं मिल पाती हैं। माल पहुंचाने के लिए दो-तीन दिन तक इंतजार करना पड़ता था। प्रतिदिन 150 से 200 ट्रक संतरा फल की निकासी होती थी। वही वर्तमान मे आवक कम होने की वजह से 15 से 20 गाडिय़ों की निकासी हो रही है।
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10 से 20 फीसदी उपज
संतरा उत्पादन के कारण क्षेत्र का छोटा नागपुर कहे जाने वाले जिले में कम वर्षा के कारण इस वर्ष संतरे का कम उत्पादन हुआ है। वहीं व्यापारियों के अनुसार गर्मी का 80-90 फीसदी उत्पादन कम होने की बता कही है। झालावाड़ उद्यान विभाग के सहायक निर्देशक कैलाश शर्मा ने बताया कि जिले के करीब 38 हजार हैक्टेयर बगीचों में से 13 हजार हैक्टर पौधे में ही फल की आवक है। संतरे की आकर की साइज छोटी दिखाई दे रही है। पानी की कमी की वजह से फल कम आया है। वही संतरे पर काली मस्सी का असर भी दिखाई दिया है। जिले सहित मप्र के कई शहरों व कस्बों में बड़ी मात्रा में संतरे का उत्पादन होता है। गुराडियाजोगा निवासी प्रधान सुल्तान सिंह चौहान, मालखेड़ा निवासी अर्जुन सिंह ने बताया कि इस वर्ष संतरे की आवक कम के साथ ही उसका आकर भी बहुत छोटा आया है। बारिश लगातार अच्छी हो जाती तो इस वर्ष संतरे की बंपर आवक होती।
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एक साल मे दो फसल
संतरे मं वर्ष में दो बार फल आते हैं। पहले सर्दी में और दूसरी गर्मी के मौसम में, वहीं गर्मी की फसल मुख्य मानी जाती है और इस बार मुश्किल से 15 से 20 प्रतिशत ही आई है।
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व्यापारी आना शुरू
गर्मी के संतरे के आने के साथ ही मंडी मे संतरा खरीद के लिए महाराष्ट्र, केरला, बंगाल, उत्तरप्रदेश, दिल्ल व जम्मू आदि स्थानों से व्यापारी मंडी में माल खरीदने के लिए आ चुके है। फरीद अहमद जुगनू ने बताया कि आवक कम होने के चलते व्यापरी की मांग के अनुसार माल नही दे पा रहे हैं।

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