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यह बात एक बार भाजपा की टिकट व एक बार निर्दलीय के रूप में विधानसभा का चुनाव लड़ चुके आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट रामनिवास सैनी ने मंगलवार को कस्बे के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होने कहा कि अपने आप को जनता का सेवक,जनता का चौकीदार व किसान पुत्र कहने वाले स्थानीय विधायक जन सेवा के नाम पर जनता का पैसा लूटने में लगे हैं।
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विधानसभा से उनके द्वारा मांगी गई सूचना के बारे में उन्होंने बताया कि विधायक ने 47 माह के दौरान वेतन व यात्रा भत्ते के रुपए में 50.55 लाख 8 51 रुपए राज्य सरकार से जरिए बिल प्राप्त किए हैं।
उनके द्वारा 13 माह का भुगतान अभी शेष है ,जो उनके टीएडीए बिल पर निर्भर करेगा। सैनी ने बताया कि 39 लाख 8 2 हजार 6 53 रुपए विधायक ने वेतन के रूप में तथा 10 लाख 76 हजार 238 रुपए यात्रा भत्ता के रूप में उठाए हैं।
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एडवोकेट सैनी ने बताया कि क्षेत्र को लेकर यात्रा होती तो बात समझ में आती है। लेकिन विधायक ने अपने निजी स्वार्थों के लिए की गई यात्राओं के भी भुगतान उठाएं है। उन्होने श्रीनगर, भुवनेश्वर, हैदराबाद, तिरुपति, उज्जैन, इंदौर, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद , कोलकाता और जयपुर से झुंझुनू के बीच में यात्राएं की है।
80 बार कर चुके हैं यात्रा
आरटीआई सूचना के बाद एडवोकेट रामनिवास सैनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जनता के पैसे से अपने निजी स्वार्थों के चलते यात्रा करने वाले विधायक 8 0 बार ये यात्राएं कर भत्ता उठा चुके हैं। गृह क्षेत्र में किसी के घर आते जाते रहे हैं तो भी उन्होंने इस दौरान यह भुगतान उठाए हैं। सैनी ने कहा कि वे अगर वाकई विकास को लेकर गंभीर होते तो उक्त रुपए से क्षेत्र में पेयजल की समस्या का समाधान कर सकते थे।
इनका कहना है…
विधायक को क्षेत्र के भ्रमण, सालभर में हवाई, ट्रेन व बस यात्रा के लिए एक सीमा में विधानसभा से भत्ता तय सीमा में हैं। यह तो प्रत्येक विधायक व सांसद तक को तय सीमा में मिलता है। सीमा से अधिक हमने एक रुपया भी खर्चनहीं किया और न ही उठाया है। -शुभकरण चौधरी, विधायक (उदयपुरवाटी)