मामूली विवाद के चलते कर दी निर्मम हत्या
कालवा गांव में 21 मार्च को होली के दिन दो पक्षों के बीच आपसी झगड़ा हुआ था। जिसमें एक पक्ष के बादल पुत्र पृथ्वी नंबरदार ने दूसरे पक्ष के अजय की पिटाई कर दी। इसके बाद अजय के परिवार के लोग बादल के घर एतराज जताने गए, तो वहां पर दोनों पक्षों के बीच लड़ाई हो गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। इस लड़ाई के बाद से ही अजय का पिता धर्मपाल पुत्र दौलत राम लापता था। वहीं बादल अपने भाइयों के साथ फरार था। इस मामले की सीआईए पुलिस जांच जींद कर रही थी। जांच के दौरान रविवार को सीआईए के हाथ बादल व उसके भाई लगे, तो खुलासा हुआ कि धर्मपाल को बादल के खेत में बनी गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी की तारकोल फैक्ट्री में तारकोल की भट्ठी में डाल दिया गया था।
पुलिस के भी उड़ गए होश
रविवार रात पुलिस तारकोल फैक्ट्री में पहुंची तो वहां का दृश्य देख कर हैरान रह गई। जिस भट्ठी में शव को डाला गया था वहां से केवल पाला का एक कपड़ा बरामद हुआ। जिस गर्म तारकोल के टैंक में धर्मपाल को डाला गया है। उस का टेंपरेचर ज्यादा होने की वजह से रात के समय शव को नहीं निकाला गया, इसलिए सोमवार को जींद डीएसपी कप्तान सिंह , डीएसपी परमजीत समोता, पिल्लूखेड़ा के नायब तहसीलदार इंद्र सिंह, सीआईए प्रभारी वीरेंद्र और डॉक्टर्स, भारी पुलिस बल के साथ गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी कालवा में पहुंचे और आरोपियों से घटनास्थल की निशानदेही करवाई। उसके बाद टैंक को गैस कटर से काटा गया और डॉक्टर्स की मौजूदगी में शव को निकाला गया।
सबूत मिटाने के लिए डाला गर्म तेल के टैंक में
आरोपी जितेंद्र, बादल, बिजेंद्र, दीपक, धर्मेंद्र व रविंद्र ने बड़ी सोची समझी चाल के तहत धर्मपाल को मारकर तारकोल के टैंक में डाला था, ताकि जैसे टैंक में मौजूद तारकोल उबलेगा त्यों ही धर्मपाल का शव जलकर खाक हो जाएगा और कोई सबूत नहीं रहेगा। होली फाग की तीन दिन की छुट्टी के चलते प्लांट नहीं चलाया गया। छुट्टी के बाद प्लांट चलाया गया। उसी समय उस प्लांट की मोटर खराब हो गई। जिसके कारण शव टैंक में ही पड़ा रहा और आरोपियों से गहन पुछताछ के दौरान उन्होंने शव को टैंक में डालने के बारे में कबूला। हालांकि पुलिस ने रात को ही टैंक के टेंपरेचर को कम करवाने के लिए हिटिंग को बंद करवा दिया था।