
जंगल में मंगल नहीं घर में ही बना दिया जंगल का मंगल
जींद(हरियाणा): (Hariyana News )जंगल में मंगल ( paradise in wilderness ) करने की कहावत को जींद के शिक्षक जगदीप सिंह अपने घर में ही साकार कर रहे हैं। सोचने में यह बड़ा मनोरम प्रतीत होता है किन्तु घर को हरियाली से आच्छादित (Green House ) करने के लिए अत्यंत मेहनत और दृढ़ता की जरुरत है। इसी के बूते सिंह का घर-आंगन फूलों-पेडों से गुलजार है। हकीकत नगर स्थित उनके घर में करीब 300 वैरायटी के करीब 1500 पौधे हैं। इनमें 15 से लेकर 35 साल तक के बड़े वृक्ष भी हैं।
लगन से बन गया जंगल
सिंह का घर पेड़-पौधों की विविधता भरे किसी जंगल से कम नहीं हैं। इनका पूरा घर पौधों से भरा हुआ है। जगदीप सिंह को यह शौक मनी प्लांट के एक पौधे से लगा। यह पौधा इन्होंने 1988 में पहली बार घर पर लगाया था। इसकी हरी-भरी बेल को देखकर सिंह के मन में घर को हरा-भरा बनाने की लगन लग गई। इसके बाद एक से एक बढ़ कर एक पेड़ लगता गए और घर जंगल की तरह बढ़ता रहा।
हर तरफ हरियाली
चारों तरफ हरियाली। खास बात यह है कि ये सभी बोनसाइ पेड़ हैं और गमलों में लगे हुए हैं।इनके घर में एरिका पाम, फोनिक्स पाम, ङ्क्षकग पाम, साइकद, अंजीर, पिलखन, बरगद, पीपल, पारस पीपल, मधुकामिनी, झुमका बेल, जुई बेल, चमेली बेल, रात की रानी बेल, बोगन बेल, मोगरा की बेल व पौधा, चंपा पौधा, बोटल ब्रुश पौधा, अमरूद, चैरी, करौंदा, बिगनोनिया वेस्टा बेल, गुगल व चीड़ के पौधे,चाइनीज करौंदा, मनी प्लांट, सहजन का पेड़, अशोका ट्री, फाइकस, एरोकेरिया, रबिश पाम, नोलीना, चांदनी का पौधा, खुशबू फैला रहे हैं। इनमें जाल, कैंदु, ङ्क्षहगो ऐसे भी पेड़ हैं जिनके बारे आम लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है।
Published on:
06 Jun 2020 10:34 pm
बड़ी खबरें
View Allजींद
हरियाणा
ट्रेंडिंग
