प्रशिक्षु आरपीएस व थानाधिकारी मंगलेश चूण्डावत ने बताया कि प्रकरण में गत २२ नवम्बर को यूपी में प्रयागराज निवासी इरशाद अली, मोहम्मद जुबेर, लखनऊ निवासी विनय, हरदोई निवासी तौसिब अहमद व मूलत: व्यास कॉलोनी हाल कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी जितेन्द्रसिंह को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया गया है। जितेन्द्र को पीएनबी मुम्बई के एक मैनेजर ने मसूरिया निवासी पतासी देवी के बैंक खाता नम्बर व उसमें बड़ी राशि होने की जानकारी दी थी। जितेंद्र ने बैंक का फर्जी चेक बनाया था और फिर 49 रुपए भरकर राशि यूपी के खातों में ट्रांसफर कर ली थी। इसके लिए इरशाद व अन्य आरोपी जोधपुर आए थे और फिर यूपी के बैंक खातों से राशि निकाल ली थी। जांच में इरशाद की भूमिका सामने आ गई थी। गत नवम्बर में वह जोधपुर आया था। उसे शिकारगढ़ में पठान क्रिकेट अकादमी से पकड़ा गया था। पूछताछ के बाद अकादमी संचालक के भाई जितेन्द्रसिंह सिख को भी गिरफ्तार किया गया था। बैंक ऑफ इलाहाबाद दिल्ली के मैनेजर ने भी खाता नम्बर व राशि की जानकारी दी थी। जितेन्द्र के घर से लेपटॉप व प्रिंटर आदि बरामद किए गए थे।
खाते की जानकारी मिलते ही आरोपियों ने खाताधारक पतासीदेवी के बैंक रिकॉर्ड वाले मोबाइल नम्बर की सिम ब्लॉक करा दी थी। फिर फर्जी दस्तावेज से उसी नम्बर की फर्जी सिम जितेन्द्र ने हासिल की थी। 49 लाख रुपए ट्रांसफर कराने के लिए बैंक प्रबंधन ने पुष्टि के लिए खाता धारक के मोबाइल नम्बर पर बात की थी। यह कॉल जितेन्द्र के पास गया था। उसने महिला की आवाज में राशि ट्रांसफर करने की पुष्टि की थी।
पूरे मामले में बैंक प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। फर्जी चेक से 49 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए गए थे। एेसे में बैंक की तरफ से वृद्धा को ब्याज सहित ४९ लाख रुपए लौटाए गए हैं।