
बासनी (जोधपुर).एम्स में गंभीरचंद भंडारी का देहादान हुआ है। दाऊ री ढाणी निवासी भंडारी का आकस्मिक निधन शुक्रवार को हो गया था। देहदान काउंसलर मनोज मेहता ने बताया कि उनके निधन के बाद उनकी पत्नी सुशीला भंडारी पुत्र अन्नु मोहनोत, दामाद सुरेंद्र मोहनोत, अजय सिंघवी भाई प्रेमचंद भंडारी व विमलचंद भंडारी ने देहदान की संपूर्ण प्रक्रिया को पूरा किया। मानव देह मरने के बाद भी मेडिकल के छात्रों की पढाई, शोध व अनुसंधान में काम आती है तो जलाने की बजाय मानव सेवा के लिए इसे दान करना बेहतर है।
उसके बाद गंभीरचंद भंडारी की पार्थिव देह मानव सेवा के लिए एम्स को समर्पित की गई। दामाद सुरेंद्र मोहनोत ने बताया कि पारिवारिक सहमति के समय परिवार के सभी सदस्यों ने एक राय बनी की यदि मानव देह मरने के बाद भी मेडिकल के छात्रों की पढाई, शोध व अनुसंधान में काम आती है तो जलाने की बजाय मानव सेवा के लिए इसे दान करना बेहतर है।
एम्स के शरीर रचना विभाग के सहायक आचार्य आशीष नय्यर ने बताया कि एम्स में अब तक का 84 वां और जोधपुर से यह 24 वां देहदान हुआ है। इस दौरान वैभव मोहनोत, राजीव पटवा, श्रेयांस सिंघवी, पंकज मेहता, महेंद्र मोहनोत, किशोरराज सिंघवी और जैन समाज के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
इससे पहले एम्स में अब 23 देहदान हुए हैं। एम्स के शरीर रचना विभाग में शोध के देहदान करने वालों की संख्या बढ रही है। जोधपुर से ही अब तक 24 देहदान हुए हैं। विभाग की ओर से इस संबंध में देहदान के लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाता है।
इसके लिए साल में दो बार कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाती है। अब अगले साल भी इसके लिए अलग से प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए जनजागरूकता व्याख्यान में भी देहदान को लेकर जिक्र किया जाता है। इसके लिए शहर में देहदान काउंसलर से आवेदन लेकर इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली जा सकती है।
Published on:
27 Apr 2018 08:58 pm
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