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जोधपुर

फ्रेंडशिप डे विशेष- रियल लाइफ के जय-वीरु की 70 साल से दोस्ती, 43 वर्षो से एक ही घर में साथ-साथ

-दोस्ती ऐसी की तीसरी पीढ़ी भी निभा रही रिश्तों की परम्परा-शादी और बिजनेस भी एक साथ किया

जोधपुरAug 01, 2021 / 12:06 pm

जय कुमार भाटी

फ्रेंडशिप डे विशेष- रियल लाइफ के जय-वीरु की 70 साल से दोस्ती, 43 वर्षो से एक ही घर में साथ-साथ

फ्रेंडशिप डे विशेष- रियल लाइफ के जय-वीरु की 70 साल से दोस्ती, 43 वर्षो से एक ही घर में साथ-साथ

जयकुमार भाटी/जोधपुर. अगस्त का पहला रविवार फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाया जाता है, ऐसे में शोले फिल्म के जय-वीरु की दोस्ती जैसे रियल लाइफ के दो हीरो जोधपुर शहर के ठाकुरदत्त व्यास और श्यामसुंदर व्यास की दोस्ती है। दोनों ने 70 सालों की दोस्ती में कई उतार चढ़ाव देखें, लेकिन इस रिश्ते पर आंच तक नहीं आने दी। इनकी प्रगाढ़ दोस्ती की वजह से दोनों परिवार 43 सालों से एक साथ रह रहे हैं। सबसे पहले एक साथ बिजनेस की शुरू की और फिर दोनों ने एक ही मंडप में साथ शादी करके दोनों परिवारों को साथ रहने का फैसला किया। 43 वर्ष पहले दोनों ने आधे-आधे रुपए से एक प्लॉट खरीद कर मकान बनाया। जिसमें आज तीसरी पीढ़ी के 14 सदस्य एक साथ रह रहे हैं।
तीसरी पीढ़ी भी निभा रही परम्परा
चौपासनी रोड स्थित मकान में साथ रह रहे दोनों परिवार की तीसरी पीढ़ी भी अपने दोनों दादा की बनाई परम्परा को आज भी निभा रहे हैं। ठाकुरदत्त घर के किराणा का सामान से लेकर हर तरह की खरीदारी करते थे, वहीं श्यामसुंदर व्यापार की आय व बैंक के कार्य का ध्यान रखते थे। जिसे आज भी तीसरी पीढ़ी इसी तरह निभा रही हैं। घर में बच्चों के कपड़े से लेकर किसी तरह की कोई चीज आयी तो सभी सदस्यों के लिए एक जैसी आयी। आज भी सुबह की चाय श्यामसुंदर के यहां तो दोपहर का खाना ठाकुरदत्त के यहां होता है।
ठाकुरदत्त ने छोड़ा साथ
श्यामसुंदर बताते है कि ठाकुरदत्त दोस्त होने के साथ सगे भाई से बढक़र थे। एक अक्टूबर 2018 को ठाकुरदत्त के निधन के बाद से उसकी तस्वीर को हमेशा अपने पास रखता हूं। हम दोनों की जब शादी हो रही थी तो दोनों ने एक ही मंडप में शादी करने का फैसला लिया। जिसे आज भी बच्चे याद करते हैं। हम दोनों एक ही बाइक से दुकान आते-जाते थे। इसके लिए यह भी तय किया कि दुकान जाते वक्त ठाकुरदत्त बाइक चलाएंगे तो आते वक्त श्यामसुंदर लेकर आएगें। दोस्ती के साथ घर के लिए बनाई हर एक परम्परा को आज बच्चों की ओर से निभाते देख बहुत खुशी होती हैं। जहां आज के समय में सगे दो भाई साथ नहीं रहते, वहीं आज हमारे बच्चे दोस्त के परिवार के साथ सगे भाईयों से अधिक प्रेम के साथ रह रहे हैं।
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