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मारवाड़ में कुरजां के बाद शिकारी पक्षियों की दस्तक

  पक्षी विशेषज्ञों ने कहा, दीपावली पर इस बार प्रदूषण कम होने से जलाशयों पर नजर आ सकता है सतरंगी संसार

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मारवाड़ में कुरजां के बाद शिकारी पक्षियों की दस्तक

मारवाड़ में कुरजां के बाद शिकारी पक्षियों की दस्तक

नंदकिशोर सारस्वत

जोधपुर. मारवाड़ में शीतकालीन प्रवास पर आने वाले पक्षियों में कुरजां के बाद शिकारी पक्षियों ने भी दस्तक दे दी है। मारवाड़ के विभिन्न जलाशयों और खेतों के आस पास पक्षियों का सतरंगी संसार सजने लगा है। फिजां में ठंडक घुलते ही अब इजिप्शियन वल्चर, शिकरा जैसे शिकारी पक्षी भी जोधपुर में नजर आने लगे है। जोधपुर के निकट गुड़ा विश्नोइयां, जाजीवाल कलां, सरदार समंद, मंडोर, बालसमंद, कायलाना, तख्त सागर, अखेराजजी का तालाब व आस-पास येले फुटेड ग्रीन पीजन, नाइट हेरोन, पाइड मैना सहित 50 से अधिक रंग-बिरंगे पक्षियों की चहचहाट सुनाई देने लगी है । पक्षी विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान कम होते ही जलीय पक्षियों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी।

चूहे, सांप और छिपकलियों का करते है शिकार
फसल कटने के बाद खेतों में चूहे, सांप और छिपकलियों का शिकार करने वाले शिकारी पक्षी खेतों के आस पास नजर आने लगे है। पर्यावरण मित्र माने जाने वाले शिकारी पक्षी पश्चिम एशिया, तिब्बत, मंगोलिया, नेपाल, मध्यपूर्व एशिया से स्टेपी ईगल, इजिप्शियन, ग्रिफॉन, सिनेरसिस, बाज, बजर्ड, स्नेक हेड ईगल आदि पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर के अलावा जोधपुर पहुंचते है। खास तौर से जोधपुर के पास केरू डम्पिंग स्टेशन के आसपास शिकारी पक्षी मृत मवेशियों को अपना भोजन बनाते है। कारकस प्लांट लगने के बाद शिकारी पक्षियों की तादाद कम हो चुकी है। जलीय पक्षियों का शिकार करने में माहिर शिकरा भी पर्याप्त मात्रा में शिकार मिलने की उम्मीद से जोधपुर के आस पास के जलाशयों पर पहुंचने लगे है।

प्रदूषण कम होगा तो बढ़ेगी संख्या

सर्दी के पक्षी प्रवास के लिए इस बार का प्रवास फायदेमंद साबित हो सकता है। इसका प्रमुख कारण दीपावली पर बारूद से होने वाला धुंआ और प्रदूषण कम होने से आसपास के आसपास करीब 16 जलाशयों पर संख्या ज्यादा हो सकती है। बडली तालाब पर रफ ,लार्क, मंडोर ,बाल समंद के आसपास येलो फुटेड ग्रीन पिजन और केरू डम्पिंग स्टेशन के आसपास ग्रिफन सिनेरियस गिद्ध सहित कई शिकारी पक्षी नजर आने लगे है। जोधपुर में पक्षी प्रवास का जैव विवधता में महत्वपूर्ण योगदान हैं।
शरद पुरोहित, प्रवासी पक्षी व्यवहार विशेषज्ञ जोधपुर।