script.ग़्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड के कहर ने बढ़ाई वन्यजीवों की परेशानियां | In rural areas, Kovid's havoc increased wildlife problems | Patrika News
जोधपुर

.ग़्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड के कहर ने बढ़ाई वन्यजीवों की परेशानियां

भीषण गर्मी में प्यास बुझाने भटक रहे वन्यजीव,
विभाग के अधिकारी भी आइसोलेशन में

जोधपुरMay 02, 2021 / 04:56 pm

Nandkishor Sharma

.ग़्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड के कहर ने बढ़ाई वन्यजीवों की परेशानियां

.ग़्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड के कहर ने बढ़ाई वन्यजीवों की परेशानियां

जोधपुर. जिले की विभिन्न रेंज के अधीन करीब 150 अधिक वन्यजीव बहुल इलाकों में पेयजल संकट की स्थिति के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड संक्रमण के कहर के कारण वन्यजीवों की परेशानियां बढ़ती जा रही है। वन्यजीव बहुल क्षेत्रों में विचरण करने वाले वन्यजीवों को लॉक डाउन के कारण पानी की खेळियां सूखी होने से पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। गर्मी में पेयजल की व्यवस्था करने वाले वनविभाग वन्यजीव मंडल के चार रेंजर के सभी पद खाली पड़े है। वन्यजीव मंडल के मुखिया उपवन संरक्षक आइसोलेशन में है। जिले के प्रमुख वन्यजीव बहुल क्षेत्र गुड़ा बिश्नोईयान कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित करने के कारण भामाशाहों की ओर से दी जाने वाली टैंकर की सेवाएं भी ठप हो चुकी है। ऐसे में प्राकृतिक जलस्रोत सूखने के कारण खुले मैदानों में विचरण करने वाले चिंकारे, काले हरिण सहित विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों और पक्षियों का संकट बढ़ता जा रहा है। वनविभाग के वन्यजीव प्रभाग और प्रादेशिक वन मंडल को उनके अधीन संबंधित रेंज क्षेत्रों में विचरण करने वाले वन्यजीवों के लिए सरकार से कोई बजट नहीं मिला है।
रेंजर ही नहीं है पानी की व्यवस्था कौन करे
वन्यजीव प्रभाग के अधीन लूणी, बावड़ी, मंडोर तथा प्रादेशिक वनमंडल के बाप,फलौदी, शेरगढ़, बालेसर, बिलाड़ा, ,भोपालगढ़ व ओसियां सहित नौ रेंजों क्षेत्रीय वन अधिकारी तक नहीं है। वनविभाग वन्यजीव मंडल का एकमात्र रेंजर रिश्वत मामले निलंबित हो चुका है। बिलाड़ा में कार्यवाहक रेंजर का अचानक निधन होने के बाद से क्षेत्र का कोई धणी धोरी नहीं हैं। वन्यजीव बहुल क्षेत्र साथिन वन्यजीव चौकी के आसपास की खेळियां महीनों से सूखी पड़ी है। ऐसे में भामाशाहों के सहयोग वन्यजीव प्रेमी खुद के स्तर पर प्यास बुझाने में जुटे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सीमेंट की खेलियां रखवाने परम्परागत रुप से छोटे टैंकरो, मोटरसाइकिल पर ड्रमों से पानी डलवाने के लिए क्षेत्रीय स्वंयसेवी संस्थाओं व कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जा रहा है। बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्थान बिश्नोई टाईगर फोर्स के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल भवाद ने वन राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई को पत्र लिखकर विशेष बजट आवंटन की मांग की गई है।

सरकार से अभी तक कोई बजट नहींं
जिले के अभावग्रस्त वन्यजीव बहुल क्षेत्रों में पानी की टैंकरों से आपूर्ति के लिए इस बार बजट अभी तक नहीं मिला है। उडऩदस्ते के कार्यवाहक रेंजर को पानी की व्यवस्था शुरू करने को कहा है। सोमवार को इस बाबत रिपोर्ट मांगी जाएगी।
केके व्यास, कार्यवाहक सहायक वन संरक्षक माचिया जैविक उद्यान

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