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बचपन में माता-पिता ने छोड़ा, फिर हालातों से लड़ीं दिव्यांग इंदु, अब पूरा शहर बनेगा शादी का गवाह

बचपन में ही माता-पिता ने छोड़ दिया। एक हथेली से दिव्यांग, लेकिन इंदु ने हालातों से हार नहीं मानी। कुछ कर दिखाने का जज्बा और बड़े सपने देख उन्हें पूरा करने का हौसला रखने वाली इंदु की शादी का गवाह पूरा शहर बनेगा। नारी निकेतन में पहली बार 14 दिसम्बर को किसी युवती की शादी होने जा रही है

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बचपन में ही माता-पिता ने छोड़ दिया। एक हथेली से दिव्यांग, लेकिन इंदु ने हालातों से हार नहीं मानी। कुछ कर दिखाने का जज्बा और बड़े सपने देख उन्हें पूरा करने का हौसला रखने वाली इंदु की शादी का गवाह पूरा शहर बनेगा। नारी निकेतन में पहली बार 14 दिसम्बर को किसी युवती की शादी होने जा रही है। नारी निकेतन का पूरा स्टाफ भी अपनी लाडली बेटी के विवाह की तैयारियों में जुटा है। धूमधाम से ओसियां से आने वाली बारात का स्वागत करेंगे।

बचपन में माता-पिता ने इंदु को छोड़ दिया था। एक हथेली से दिव्यांग इंदु तब से वह गायत्री बालिका गृह और नारी निकेतन में पली बढ़ी है। नए जीवन की शुरुआत को लेकर इंदु कहती है कि बचपन में परिजन ने मुझे छोड़ दिया। मेरा कोई परिवार नहीं था। फिर नारी निकेतन ही मेरा बन गया। शादी के बाद एक नया परिवार और मिलने जा रहा है। अब मेरे दो-दो परिवार हैं। इंदु बताती है कि जब बचपन में सभी को त्योहार मनाते देखती थी तब मुझे भी घर-परिवार की याद आती थी। सोचती थी कि काश मेरा भी परिवार होता। अब इंदु की बचपन की इच्छा पूरी होने जा रही है। 14 दिसंबर को उसका विवाह ओसियां निवासी मघाराम से हो रहा है। वह कहती है कि नारी निकेतन ही मेरा पीहर है और यहां के सदस्य मेरा परिवार।

एक हथेली नहीं, लेकिन सब काम आसानी से करती है
एक हाथ की हथेली नहीं होने के बावजूद इंदु आम लोगों की तरह ही सारे काम खुद करती है। नारी निकेतन की अधीक्षक रेखा शेखावत बताती हैं कि इंदु अपने हालातों से हार न मानकर कुछ कर दिखाने की चाह रखती है। इंदु ने ग्रेजुएशन किया और संगीत का भी शौक रखती है। इंदु खाना बनाने के साथ मेहंदी लगाना जैसे कई काम बड़ी आसानी से कर लेती है। एक अच्छी सिंगर बनने का सपना लिए इंदु अब शादी करके ससुराल जाकर पूरा करना चाहती है। साथ ही वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है ताकि अपने दम पर समाज में अपनी पहचान बना सके।

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सहमति से विवाह तय हुआ
इंदु की शादी की इच्छा पर सभी के विचार-विमर्श से प्रस्ताव को मंजूरी दी। अच्छा वर खोजने के लिए विभाग की ओर से आवेदन मंगाए गए। आवेदन आने के बाद योग्य वर के चुनाव के लिए आवेदकों का साक्षात्कार किया गया, जिसमें इंदु भी मौजूद रही। मेडिकल जांच सहित विभिन्न कागजी कार्यवाही और तीन बार आवेदक का साक्षात्कार होने के बाद इंदु की सहमति से विवाह तय हुआ।
रेखा शेखावत, अधीक्षक, नारी निकेतन

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