जोधपुर में जन्में पले बढ़े लॉयन कैलाश की जयपुर में मौत
वन्यजीव प्रेमियों सहित माचिया उद्यान के स्टाफ ने जताया दु:ख
जोधपुर में जन्में पले बढ़े लॉयन कैलाश की जयपुर में मौत
जोधपुर. माचिया जैविक उद्यान में चार साल पहले जन्में लॉयन ‘कैलाशÓ की रविवार सुबह जयपुर के नाहरगढ़ में संदिग्ध मौत हो हुई। लॉयन कैलाश की मौत की खबर से वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर छा गई। दरअसल माचिया जैविक उद्यान में चार साल पहले 22 अक्टूबर 2016 को शेरनी आरटी ने एक साथ तीन शावकों को जन्म दिया, लेकिन किसी भी शावक के प्रति अपना ममत्व नहीं दर्शा सकी। इसी कारण से दो शावक की मौत हो गई। लेकिन तीसरे शावक के लालन पोषण की जिम्मेदारी वन्यजीव चिकित्सक डॉ. श्रवणसिंह राठौड़ को सौंपी गई थी। लगातार सात माह तक दिन रात डॉ. राठौड़ की देखरेख और एक अभिभावक की तरह लालन पोषण की वजह से शावक कैलाश को नया जीवन मिला । उसमें प्राकृतिक गुणों के विकास के लिए डॉ. श्रवण के साथ वेटनरी सहायक महेन्द्र गहलोत ने भी दिन रात मेहनत की थी। कुछ समय पहले विभागीय आदेश से लॉयन कैलाश को जोधपुर से जयपुर के नाहरगढ़ लॉयन सफारी शिफ्ट किया गया। अपने चौथे जन्मदिन से मात्र चार दिन पूर्व रविवार सुबह संदिग्ध परिस्थिति में उसकी मौत हो गई। माचिया जैविक उद्यान के पूरे स्टाफ सहित विश्नोई टाइगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद, कैलाश पर डॉक्युमेन्ट्री फिल्म निर्माण में सहयोगी परम माथुर सहित माचिया जैविक उद्यान के पूरे स्टाफ ने शोक जताया।