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अब धुआं नहीं उगलेंगी लोडिंग टैक्सी व बसें, जाने वजह

- डीजल के उपयोग वाले क्षेत्रों में सीएनजी वाहनों का प्रवेश सड़कों पर दौड़ रही लोडिंग टैक्सी, जल्द नजर आएंगी बसें भी- अब डीजल की खपत पर होगा असर

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अब धुआं नहीं उगलेंगी लोडिंग टैक्सी व बसें, जाने वजह

अब धुआं नहीं उगलेंगी लोडिंग टैक्सी व बसें, जाने वजह

जोधपुर. इलेक्ट्रिक कारें व सीएनजी लोडिंग टैक्सियों के बाद अब जोधपुर में कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) सुविधा युक्त बसों का भी आगमन हो गया है। जिससे धुआं बिल्कुल नहीं होगा और वायु प्रदूषण में खासी मददगार साबित हो सकती हैं। फिलहाल निजी बस ऑपरेटरों ने शुरूआती तौर पर सीएनजी बसें खरीदी हैं। इनके संचालन के बाद सीएनजी बसों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।


प्रदूषण मुक्त होंगी बसें
वर्तमान में डीजल वाली लोडिंग टैक्सी व बसों से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण फैल रहा है।बायो डीजल के उपयोग के चलते बसें व ट्रकें और अधिक धुआं उगलने लगी हैं। जिनसे वायु प्रदूषण तो फैल ही रहा है। साथ ही साथ आमजन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सीएनजी इंजन धुआं बिल्कुल नहीं देता है। लोडिंग टैक्सी व बस स्टार्ट करने भी मामूली आवाज होती है।


ग्रामीण क्षेत्र में खुलने लगे सीएनजी पम्प
सीएनजी बसों में गैस टैंक की क्षमता सौ लीटर ही है। जो लम्बी दूरी के लिए नाकाफी है। यदि रास्ते में गैस खत्म हो जाए तो पंप से गैस लाकर वाहन में भरना असंभव होगा। वाहन को ही किसी अन्य वाहन से खींचकर सीएनजी पम्प तक ले जाना होगा। इस समस्या को दूर करने के लिए बस ऑपरेटर बसों में अतिरिक्त सीएनजी टैंक लगा रहे हैं।

सीएनजी बसों से होने वाले फायदे
- ऐसे वाहन धुआं बिल्कुल नहीं देते हैं।

- सीएनजी वाहनों के इंजन की आवाज डीजल की तुलना में काफी कम है। जो ध्वनि प्रदूषण भी कम करेगी।

- डीजल की तुलना में इनका माइलेज लगभग दुगुना से अधिक है।

- डीजल की तुलना में सीएनजी 13 रुपए प्रति लीटर सस्ता है।

- इन वाहनों की मैंटेनेंस डीजल वाहनों की तुलना में काफी कम बताई जाती है।


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