एक साथ सरेंडर की फिराक में विकास के गुर्गे एसटीएफ और पुलिस ने ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन में तीन दिन पहले औरैया निवासी एक आरोपी के रिश्तेदार को उठाया था। उसने पूछताछ में बताया कि 10 आरोपी एक साथ कोर्ट में सरेंडर करने की जुगत लगा रहे हैं। इसके लिए उन लोगों ने सारी सेटिंग भी कर ली है। इस काम में कुछ सफेदपोशों इन सभी की मदद कर रहे हैं। ये सफेदपोश इन सभी को नोएडा, आगरा या फिर मध्य प्रदेश के किसी शहर में सरेंडर कराने वाले हैं। इस जानकारी के बाद से ही एसटीएफ और पुलिस और सक्रिय हो गई है। सभी जगहों पर अलर्ट का मैसेज भिजवाया गया है। इसके अलावा एक टीम कानपुर और एक टीम कानपुर देहात में सक्रिय है।
10 आरोपी अभी भी फरार आपको बता दें कि बिकरू में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या करने के बाद एसटीएफ और पुलिस ने ताबड़तोड़ एनकाउंटर में विकास दुबे समेत पांच बदमाशों को मार गिराया था। इस केस में अब तक 16 बदमाशों और उनके मददगारों को जेल भी भेजा जा चुका है। जबकि 10 आरोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस को सभी की अलग-अलग लोकेशन मिल रही है। इन सभी की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग 12 टीमें काम कर रही हैं। उनके रिश्तेदारों को उठाकर कई बार पूछताछ भी की गई है। इन आरोपियों से जुड़े एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल नम्बर पुलिस के हाथ लगे हैं। इन नंबरों के सहारे पुलिस ने इन सभी को ट्रेस करने की कोशिश की मगर सफलता नहीं मिली। 3 जुलाई के बाद से इन सभी के नंबर स्विच ऑफ हैं। सभी की आखिरी लोकेशन, चौबेपुर, शिवली, कानपुर देहात में मिली है।
विकास दुबे के भाई दीपू के बारे में मिले सुराग विकास दुबे का भाई दीप प्रकाश उर्फ दीपू लखनऊ या आस-पास ही कहीं छिपा हुआ है। वह अपने घर पर तीन दिन में चार चिठ्ठियां भेज चुका है। इसमें उसने लिखा है कि वह सकुशल है और जल्दी ही कोर्ट में हाजिर हो जायेगा। यह चिठ्ठी लखनऊ से ही पोस्ट की गई थी। खबर मिलते ही एसटीएफ की एक टीम कृष्णानगर स्थित दीप प्रकाश के घर पहुंची और उसकी पत्नी से पूछताछ की। दीप के खिलाफ कृष्णानगर कोतवाली में सरकारी गाड़ी नीलामी में लेने वाले को धमका कर गाड़ी ले जाने का मुकदमा दर्ज है। इसमें कृष्णानगर पुलिस उसे वान्टेड घोषित कर चुकी है। दीप पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है। उसकी तलाश में दो टीम लगा दी गई है।